पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में लागू शराबबंदी कानून एक बेहतरीन सामाजिक कार्य है. इस मसले पर सभी दलों को एकजुटता बनाये रखने की जरूरत है, जिससे राज्य में सामाजिक क्रांति हो सके. सभी लोगों एकजुट रहेंगे, तो इस अभियान में मजबूती आयेगी.
डिफरेंस ऑफ ओपिनियन (मतभिन्नता) होने से गलत करनेवालों का हौसला बढ़ता है. मुख्यमंत्री मंगलवार को बिहार उत्पाद विधेयक (संशोधित), 2016 पर विधानसभा सभागार में आयोजित सर्वदलीय बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने नये शराबबंदी कानून पर सभी पार्टियों के जनप्रतिनिधियों से सुझाव लिये. इस दौरान उन्होंने नये कानून में संशोधन करने को लेकर स्पष्ट रूप से तो कुछ नहीं कहा. सिर्फ इतना कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है, जिसमें संशोधन नहीं हो सकता है. देश के संविधान में कई बार संशोधन हो चुके हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई तरह के सुझाव आये हैं. लोक संवाद में भी सुझाव मिले हैं. आज की बैठक और लोक संवाद में मिले सुझावों पर कानूनविदों की राय लेंगे. जो प्रस्ताव होगा, उसे सदन में लेकर आयेंगे. हमलोगों की एकजुटता के कारण गरीबों का उद्धार होगा. बैठक में सभी पार्टियों ने शराबबंदी के पक्ष में अपनी सहमति जतायी, लेकिन इसके लिए बनाये गये नये संशोधित उत्पाद विधेयक के बेहद सख्त प्रावधानों का विरोध किया. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि हम इस कानून के साथ हैं. इस कानून की वजह से लोगों में शराब की आदत छूट गयी है. नोटबंदी से आम लोगों को क्या-क्या तकलीफ उठानी पड़ रही है और छोटी-छोटी जरूरतों के लिए वे कितने परेशान हो रहे हैं, इसे देखने की जरूरत है.
बैठक के बाद कांग्रेस नेता व शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि शराबबंदी के बाद राज्य में बदलाव का माहौल है. कानून में अगर कोई संशोधन होता भी है या कोई छूट दी जाती है, तो इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है सभी तरह के लीकेज को बंद करने पर ध्यान देना. छूट देने के बाद लीकेज नहीं बढ़े, इस पर विशेष तौर से विचार करने की जरूरत है. सभी तरह के लीकेज को रोकने के लिए वकीलों और कानूनविदों से सलाह लेने की जरूरत है.
बैठक में भाजपा की तरफ से नेता प्रतिपक्ष डॉ प्रेम कुमार और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय समेत अन्य शामिल हुए. डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि प्रदेश में हम शराबबंदी के समर्थन में हैं, लेकिन यह काला कानून है. इस तालिबानी कानून में संशोधन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है. जरूरी संशोधन के बाद हम इस पर साथ हैं. भाजपा की इन संशोधनों की मांग का लोजपा के राजू तिवारी और एमएलसी नूतन सिंह, हम के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और रालोसपा ने समर्थन किया. भाजपा ने इन संशोधनों की मांग की-
– चौधरी समाज के लोगों के लिए बिना किसी विकल्प की व्यवस्था किये ताड़ी पर प्रतिबंध लगाना ठीक नहीं.
– राज्य में विदेशी शराब और बियर की जितनी भी फैक्टरियां चल रही हैं, सभी बंद हों
– गांव पर सामूहिक जुर्माना, मकान में शराब मिलने पर संपत्ति जब्त करने का प्रावधान खत्म हो
– किसी घर में शराब मिलने पर सभी व्यस्कों को जेल भेजने का प्रावधान भी समाप्त हो
श्रवण कुमार ने कहा कि जहां तक भाजपा की बात है, तो उन्हें नोटबंदी की तरह इस कानून की भी प्रशंसा करनी चाहिए. जिस तरह हमारे मुख्यमंत्री ने नोटबंदी का समर्थन किया है, भाजपा नेताओं को सीएम के बयान का स्वागत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं होने के कारण वे बेचैनी में हैं. कुछ भी बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि नोटबंदी की पहल अच्छी है, लेकिन इसकी तैयारी उस तरह से नहीं की गयी. किसानों की हालत बेहद खराब हो गयी है. सब्जी उपजानेवाले किसानों पर इसकी काफी मार पड़ी है.
बैठक में वित्त मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ मदन मोहन झा समेत अन्य नेताओं के अलावा मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, डीजीपी पीके ठाकुर, प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, गृह सचिव आमिर सुबहानी, सीएम के सचिव अतीश चंद्रा व मनीष कुमार वर्मा समेत अन्य मौजूद थे.
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि इस बैठक में 22 जनप्रतिनिधि उपस्थित थे. सभी लोगों ने नये कानून पर अपने-अपने सुझाव दिये हैं. कई लोगों ने लिखित रूप में भी अपना सुझाव सौंपा है.
सभी सुझावों का सरकार समीक्षा करेगी. इसके बाद सार्थक सुझावों पर संज्ञान लिया जायेगा. सरकार इन पर अमल करेगी. सभी जनप्रतिनिधियों ने कई सारे बिंदुओं पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की है. इन पर अमल करने से संबंधित कवायद जल्द शुरू की जायेगी.