बिहार पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव पर हमलावर तेवर दिखाते हुए कहा है कि लालू को संविधान, लोकतंत्र और लोक लाज की बात करने से पहले खुद अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.लालू ने केजरीवाल को रोके जाने पर उठाए थे सवाल
दिल्ली में वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर आत्महत्या करने वाले पूर्व जवान रामकिशन ग्रेवाल की मौत के बाद जिस तरीके से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली पुलिस द्वारा राम किशन के परिवार वालों से मिलने से रोका गया और फिर हिरासत में भी लिया गया, इसे लालू ने गैर संविधानिक और गैर लोकतांत्रिक करार दिया था.
सुशील मोदी ने कहा कि जब चारा घोटाला में जेल जाने के वक्त लालू यादव ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करते हुए अपनी निरक्षर पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया था और सरकार चलाई थी, तब उन्हें संविधान और लोकलाज की चिंता क्यों नहीं हुई.
उन्होंने कहा, ‘केजरीवाल के खिलाफ पुलिस कारवाई पर संविधान और लोकतंत्र की बात करने वाले लालू प्रसाद को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. तब उन्हें संविधान और लोकतंत्र क्यों याद नहीं आया जब उन्होंने अपनी निरक्षर पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया था और सरकार चलाई थी. तब उन्हें न संविधान की चिंता थी और न ही लोकलाज की.’ सुशील मोदी ने कहा एक निजी समाचार चैनल को गैरजिम्मेदाराना रिपोर्टिंग पर एक दिन के सांकेतिक कार्रवाई को लालू ने आपातकाल से जोड़ा. लालू आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकों को मंत्री बनवा चुके हैं और अब उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ महागठबंधन सरकार में शामिल है, इसलिए उन्हें लोक लाज की बात नहीं करनी चाहिए.
मोदी ने लालू पर तंज कसते हुए कहा जब उनकी ही पार्टी के बलात्कार के आरोपी विधायक राजबल्लभ यादव ने जेल में होली के बाद पार्टी दी, जिसके बाद सहायक जेलर और तीन अन्य को बर्खास्त किया गया था, इससे साफ हो गया है कि सत्ता से जुड़े अभियुक्त और अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है.