नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल की टिप्पणी पर खूब हंगामा मचा. इस कारण सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मनमोहन के शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि उनके शासनकाल में इतना कुछ हो गया और इन पर एक दाग नहीं लगा. मोदी ने कटाक्ष करते हुए कहा था कि रेनकोट पहनकर बाथरूम में नहाना इनसे सीख सकते हैं.
हंगामा कर रहे कांग्रेस सदस्यों ने जहां कल राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में हस्तक्षेप के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ की गयी टिप्पणी के विरोध में नारे लगाए, वहीं अन्नाद्रमुक सदस्य भी आसन के समक्ष आ कर मांग कर रहे थे कि तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वाह करते हुए अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला को तत्काल राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएं.
हंगामे की वजह से सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया. बैठक शुरू होने पर उप सभापति पीजे कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. उसी दौरान अन्नाद्रमुक सदस्य अपना मुद्दा उठाते हुए आसन के समक्ष आ गए. कुरियन ने उनसे अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा कि वह बाद में उन्हें बोलने का अवसर देंगे. अन्नाद्रमुक सदस्य अपने स्थानों पर आ गए. कांग्रेस, वाम दलों और जदयू ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में हस्तक्षेप के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा की गयी टिप्पणियों पर आपत्ति जतायी और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने ‘‘अपमानजनक भाषा” का उपयोग किया है.
आज इसी मुद्दे पर विपक्ष ने प्रधानमंत्री से माफी मांगने की मांग करते हुए जोरदार हंगामा किया. विपक्ष ने तय किया है कि वे सदन में प्रधानमंत्री को बोलने नहीं देंगे और उनका बहिष्कार करेंगे. कल भी मुख्य विपक्ष कांग्रेस ने पीएम मोदी की इस टिप्पणी पर बहिर्गमन किया था.
प्रधानमंत्री के बयान के विरोध में पूरा विपक्ष एकजुट हो गया है. पीएम के भाषण का विरोध करते हुए विपक्ष ने कहा, जबतक पीएम अपने बयान पर खेद नहीं जताते तबतक उन्हें बोलने नहीं दिया जाएगा.