पटना : गुरुवार को बिहार विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल रामनाथ कोविंद के संबोधन के साथ हुई. इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के पूर्ण शराबबंदी और सुशासन के कार्यक्रम के तहत ‘सात निश्चय’ को लागू किये जाने पर प्रकाश डाला. बिहार विधानमंडल के वर्ष 2017 की पहले इस संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने राज्य सरकार का न्याय के साथ विकास का नजरिया रखते हुए कहा कि सरकार सभी लोगों, क्षेत्रों और वर्गों को साथ लेकर चलने के लिए कृत संकल्पित है.
शराबबंदी सफल
उन्होंने कहा कि राज्य में विकास की रणनीति समावेशी, न्यायोचित और सतत होने के साथ आर्थिक प्रगति पर आधारित है. बिहार को देश के विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए सुशासन के कार्यक्रम 2015-20 को संपूर्ण राज्य में लागू किया जा रहा है. कोविंद ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता विधि व्यवस्था सुदृढ़ करते हुए कानून का शासन स्थापित कर लोगों को भयमुक्त समाज प्रदान करने की रही है. संगठित अपराध पर कड़ाई से अंकुश लगाया गया है एवं कानूनी प्रावधानों का अनुसरण कराते हुए अपराध नियंत्रण की ठोस व्यवस्था लागू है.उन्होंने कहा कि पुलिस तंत्र का सुदृढ़ीकरण किया गया है ताकि वे अपने दायित्वों का निर्वहन कुशलता पूर्वक कर सकें. कोविंद ने कहा कि यह सरकार के संकल्प का ही परिणाम है कि राज्य में सामाजिक सौहार्द एवं साम्प्रदायिक सदभाव का वातावरण कायम है.
अपराध में कमी
उन्होंने कहा कि बिहार में लागू की गयी पूर्ण शराबबंदी से समाज अधिक सशक्त स्वस्थ एवं संयमी हो रहा है जिसका अतुल्य प्रभाव बिहार की प्रगति में परिलक्षित हो रहा है. शराबबंदी के कारण परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है तथा पारिवारिक हिंसा, घरेलू कलह एवं सामाजिक अपराध में कमी आयी है. बिहार विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल राम नाथ कोविंद ने कहा कि अप्रैल 2015 से जनवरी 2016 के आंकडों की तुलना अप्रैल 2016 से जनवरी 2017 से की जाये तो अपराध के विभिन्न शीर्षों में कमी दर्ज की गयी है. हत्या में 22 प्रतिशत, लूट में 18 प्रतिशत, डकैती में 23 प्रतिशत, गंभीर दंगों में 33 प्रतिशत, फिरौती के लिए अपहरण में 42 प्रतिशत, सडक दुर्घटना में 17 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है.
दोनों सदनों से नेता मौजूद
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार, बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी और पूर्व उपमुख्यमंत्री राबडी देवी सहित बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों के अन्य सदस्य उपस्थित थे. इस मौके पर राज्यपाल के दाएं बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और बायीं ओर बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह आसीन थे.
भ्रष्टाचार पर सरकार का प्रहार-राज्यपाल
अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध कतई बरदाश्त नहीं करने की नीति को दृढतापूर्वक लागू कर भ्रष्टाचार नियंत्रण केे लिए ठोस प्रयास जारी है. बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम 2009 के आलोक में कुल 9 मामले दर्ज किये गये हैं जिनमें आरोपियों की संपत्ति के अधिहरण का प्रस्ताव है. गत एक वर्ष में प्रत्यानुपातिक धनार्जन से संबंधित तीन मामलों में विभिन्न लोक सेवकों की संपत्ति को जब्त किया गया है. प्रारंभ से अब तक कुल 8 मामलो में लोकसेवकों की संपत्ति राज्यसात की गयी है. उन्होंने कहा कि गत एक वर्ष की अवधि में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा ट्रैप के 110 मामलों में पद के दुरुपयोग से संबंधित 28 एवं प्रत्यानुपातिक धर्नाजन से संबंधित 21 कांड सहित कुल 159 कांड दर्ज हुए हैं जिसमें लोक सेवक सहित 121 आरोपी गिरफ्तार किये गये हैं.
स्वतंत्रता सेनानियों को सहायता
कोविंद ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी पेंशनधारी की पौत्री अथवा नातिन की शादी के लिए अनुदान के रुप में 51 हजार रुपये का भुगतान करने एवं राज्य सरकार की सेवा में 2 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि जेपी सेनानी सम्मान योजना के तहत अब तक कुल 3117 सेनानियों को पेंशन की स्वीकृति प्रदान की गयी है एवं उन्हें राज्य में चिकित्सा सुविधा एवं नि:शुल्क बस यात्रा की सुविधा प्रदान की गयी है. कोविंद ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा युद्ध एवं युद्ध जैसी स्थिति में बिहार निवासी शहीद सैनिकों के आश्रित परिजनों को 11 लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के प्रति संवेदनशील है और यह हमारी नीतियों का अभिन्न अंग रहा है. महिला सशक्तिकरण नीति भी लागू की गयी है.
महिलाओं को रोजगार
कोविंद ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए आरक्षित रोजगार महिलाओं का अधिकार निश्चय के अंतर्गत राज्य के सभी सेवा संवर्गो की सीधी नियुक्ति में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू कर दी गयी है. इस निश्चय के तहत अबतक 2 हजार 414 महिलाओं की नियुक्ति की गयी है. राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 142 चिकित्सा पदाधिकारी, 405 एएनएम, 81 फार्मासिस्ट तथा 243 स्टाफ नर्स का नियोजन किया गया है.
राज्य में मातृ मृत्यु दर में कमी के उपाय
उन्होंने कहा कि राज्य में मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सभी स्तर पर गर्भवती माताओं को प्रसवपूर्व एवं प्रसवोपरान्त गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है. फलत: 2005 में मातृ मृत्यु दर 371 से कम होकर 2013 में 208 हो गया है. कोविंद ने कहा कि राज्य में मातृ मृत्यु दर को अगले पांच वर्षों में राष्ट्रीय स्तर से नीचे लाने की योजना है जिसके तहत 149 प्रथम रेफरल इकाई एवं एक हजार 48 डिलिवरी प्वाइंट को क्रियान्वित किये जाने का प्रयास जारी है. अब तक राज्य में कुल 38 विशेष नवजात देखभाल इकाई, 39 नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाई एवं 550 नवजात देखभाल कक्ष कार्यरत है. उन्होंने कहा कि राज्य में प्रजनन दर में लगातार गिरावट आई है. कुल प्रजनन दर 2009 में 3.9 था, जो वर्ष 2014 में घटकर 3.2 हो गया है. राज्य में पूर्ण प्रतिरक्षण का आच्छादन वर्तमान वित्तीय वर्ष में 84 प्रतिशत हो गया है. कालाजार रोगियों की संख्या में कमी आई एवं इस वर्ष में कालाजार के उन्मूलन का लक्ष्य है.
बिहार में बिछा सड़कों का जाल-राज्यपाल
कोविंद ने कहा कि बिहार में सड़कों तथा पुल पुलियों का जाल बिछाकर अब राज्य के सुदूर क्षेत्र से 5 घंटे में राजधानी पटना पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है.उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में भी उत्साहवर्द्धक उपलब्धियां हासिल हुई है. वर्तमान में 3769 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा चुकी है और आपूर्ति में उत्तरोत्तर वृद्धि करने का प्रयास जारी है. कोविंद ने कहा कि राज्य में हरित आवरण 15 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य है. 2015 के सर्वेक्षण के अनुसार हरित आवरण 12.88 प्रतिशत हो गया है. कृषि रोड मैप के तहत 24 करोड वृक्षारोपण के लक्ष्य के विरुद्ध मनरेगा योजनान्तर्गत लगाये गये वृक्षों को मिलाकर अबतक कुल 19 करोड 91 लाख से अधिक वृक्षारोपण किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में अबतक 6 हजार 175 कब्रिस्तानों की घेराबंदी पूरी कर ली गयी है. 60 वर्ष से अधिक पुराने मंदिरों में रखी पर्यटन एवं ऐतिहासिक महत्व की बहुमूल्य मूर्तियां आभूषण आदि की सुरक्षा के लिए बिहार मंदिर चहारदीवारी योजना गत वर्ष प्रारंभ की गयी है जिसके तहत मंदिरों की पक्की चहारदीवारी का निर्माण कराया जायेगा.