पटना. हाल में हुए दिल्ली के पत्थर व्यवसायी बंधु अपहरण कांड मामले के मुख्य आरोपित रंजीत मंडल की तमाम संपत्ति को इडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने शुक्रवार को जब्त कर लिया. व्यवसायी बंधु अपहरण कांड में वह फरार चल रहा है. पुलिस ने उसकी तलाश में दर्जनों स्थान पर छापेमारी कर चुकी है, लेकिन नतीजा अभी तक सिफर रहा है. कुछ दिनों पहले कोलकाता से उसके गिरफ्तार होने की अफवाह भी उड़ी थी, लेकिन वह अभी तक पकड़ से बाहर है.
रंजीत मंडल अपने इलाके में रंजीत डॉन के नाम से भी जाना जाता है. इडी ने उसके लखीसराय के रामगढ़ चौक थाना क्षेत्र स्थित जमीन के छह प्लॉट और एक दो मंजिल मकान को सील कर दिया. इसके अलावा उसके घर से दो ट्रक और एक स्कॉर्पियो को भी जब्त किया है. रंजीत ने जब्त हुई तमाम संपत्ति 2010 से 13 के बीच ही बनायी है. महज तीन साल में उसने अपहरण का कारोबार करके सभी अवैध संपत्ति जमा कर ली है. जमीन के सभी छह प्लॉट का कुल रकवा करीब पांच एकड़ है, जिसकी कागज पर मूल्य करीब 95 लाख है. जबकि बाजार मूल्य इससे कहीं ज्यादा यानी करोड़ों में है.
इसके अलावा इसी क्षेत्र में उसने करीब तीन कट्ठा से ज्यादा गैर-मजरूआ जमीन पर दो मंजिला मकान बना रखा है. मकान के सिर्फ निर्माण का मूल्य 20 लाख से ज्यादा बतायी जा रही है. तीन कट्ठा जमीन का सरकारी मूल्य 30 लाख से ज्यादा की आंकी जा रही है. इडी की टीम ने उसकी सभी संपत्ति को जब्त करके सील कर दिया है.
रंजीत डॉन ने गैंग के साथ मिलकर दिल्ली के पत्थर व्यावसायी बंधु सुरेश शर्मा और कपिल शर्मा का अपहरण पटना एयरपोर्ट से कर लिया था. बाद में लखीसराय के जंगलों से पुलिस ने दोनों के बरामद किया था. इससे पहले भी रंजीत ने गुड़गांव के एक सूत फैक्ट्री के मालिक का अपहरण किया था. वह इस फैक्ट्री में मजदूर के रूप में काम करता था और मौका मिलते ही मालिक का अपहरण कर फिरौती वसूली थी.