उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण में बुधवार को 40 सीटों के लिए वोट डाले जाने हैं. हालांकि सभी की निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी पर टिकी हुई हैं. मोदी के अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को प्रचार के दौरान विशेष तवज्जो दिए जाने के चलते यहां मुकाबला और कड़ा नज़र आ रहा है. बता दें कि वाराणसी में विधानसभा की पांच सीटें हैं.
गौरतलब है कि मोदी ने शहर में लगातार तीन दिन चुनाव प्रचार किया. इसके आलावा उनके प्रतिद्वंद्वी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (सपा) और उनके सहयोगी राहुल गांधी (कांग्रेस) ने जबरदस्त प्रचार कर मोदी को टक्कर देने की कोशिश की थी. बीजेपी यूपी की सत्ता पर 15 साल बाद फिर से कब्जा जमाने की उम्मीद कर रही है. पार्टी प्रमुख अमित शाह और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव से पहले हफ्तों यहां डेरा डाले रखा.
मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी और उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के कई इलाकों का दौरा किया. उन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगते हुए एक के बाद एक दो रोड शो किए, चार जनसभाओं को संबोधित किया, एक प्रभावशाली आश्रम में गए और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित की. वाराणसी में फिलहाल भाजपा के पास तीन और सपा के पास दो सीटें हैं लेकिन भाजपा मोदी के गढ़ से प्रतिद्वंद्वी पार्टियों को निकाल बाहर करने की एक प्रतिबद्ध कोशिश कर रही है.
हालांकि, सपा-कांग्रेस गठजोड़ होने से भाजपा को कड़ी चुनौती मिल रही है और अखिलेश तथा राहुल का शहर के बीचों बीच से हुए एक जबरदस्त रोड शो ने भगवा खेमे में कुछ चिंताएं पैदा कर दी हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांटे की टक्कर और चुनाव प्रचार के चलते मतदान प्रतिशत अधिक रहना चाहिए.
जिन सीटों पर चुनाव होने जा रहा है उनमें तीन केंद्रीय मंत्रियों- महेंद्र नाथ पांडे, अनुप्रिया पटेल और मनोज सिन्हा के संसदीय क्षेत्र भी शामिल हैं. पांडे, पटेल और सिन्हा क्रमश: चंदौली, मिर्जापुर और गाजीपुर से सांसद हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में 40 सीटों में सपा ने 23, बसपा ने पांच, भाजपा ने चार और कांग्रेस ने तीन सीटें जीती थीं जबकि शेष सीटें अन्य ने जीती थी.