समाजवादियों की एकता के लिए निकले मुलायम सिंह यादव को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने लाल झंडी दिखा दी है.
नीतीश और उनकी पार्टी यानि जेडीयू ने साफ-साफ कह दिया है कि 5 नवंबर को उनकी रैली में ना तो नीतीश जायेंगे और ना ही उनकी पार्टी का कोई दूसरा नेता जाने वाला है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि मुलायम का परिवार कलह से जूझ रहा है और इस रैली से एक पक्ष खुद को मजबूत दिखाना चाह रहा है.
जदयू उनके पारिवारिक विवाद में नहीं पड़ेगा. हालांकि जदयू को लालू के उस रैली में शामिल होने पर कोई आपत्ति नहीं है. जेडीयू नेता भले ही पारिवारिक विवाद के कारण मुलायम की रैली में ना जाने की बात कह रहे हों लेकिन पर्दे के पीछे की कहानी दरअसल कुछ और ही है.
दरअसल नीतीश बिहार चुनाव में मुलायम की दगाबाजी को नहीं भूले हैं. वहीं उन्होंने उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी का आधार बनाने की भी पूरी कोशिश की है. मुलायम के साथ जाने पर उन्हें चुनाव में बहुत सीट मिलने की उम्मीद नहीं है. मालूम हो कि यूपी में होने वाले चुनाव को लेकर जेडीयू अपनी चुनावी जमीन तलाश रही है और यही कारण है कि नीतीश कानपुर और मिर्जापुर समेत कई जगहों पर सभाएं कर चुके हैं.