भागलपुर : बिहार के भागलपुर जिले के घोघा थाना क्षेत्र के कोदवार पंचायत में दरिंदा मुखिया पति जयप्रकाश मंडल उर्फ जयहिंद मंडल की पिटाई से घायल दो युवकों में से एक कालीचरण मंडल (35) की रविवार को मौत हो गयी. युवक की मौत के बाद ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा. लोग मुखिया के आवास पर हमले की तैयारी करने लगे. मुखिया पति को इसकी खबर मिली, तो उसने खुद के बचाव के लिए पुलिस को खबर कर दी. इसके बाद पुलिस मुखिया के घर पहुंच कर मुखिया पति जयप्रकाश मंडल, उसके छोटे भाई मनोज मंडल, बेटा दिवाकर मंडल, भतीजा सन्नी मंडल, छोटू मंडल, रवि मंडल और धनंजय मंडल को हिरासत में लेकर थाना ले आयी. थाना से ही दरिंदगी का पर्याय मुखियापति जयप्रकाश मंडल और उसका भाई मनोज मंडल फरार हो गये.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुखिया पति जयप्रकाश मंडल की पिटाई से हुई युवक की मौत के बाद ग्रामीण उसके बंद घर को जलाने और तोड़–फोड़ करने की योजना बनाने लगे. इसक सूचना मिलने पर एक बार फिर घोघा थाना की पुलिस कोदवार पहुंची. पुलिस को देख ग्रामीण भड़क गये और पुलिस पर मुखिया को संरक्षण देने का का आरोप लगाते हुए उन पर पथराव करने लगे. उग्र ग्रामीणों ने पुलिस को गांव से बाहर खदेड़ दिया. इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें भी आयीं. हवलदार अरुण कुमार गुप्ता की कार्बाइन भागने के दौरान खेत में गिर गयी. हालात बिगड़ते देख सन्हौला थाना की पुलिस भी पहुंची. इसके बाद कहलगांव से एसडीपीओ रामानंद कुमार कौशल, अंचल पुलिस निरीक्षक व बीडीओ रज्जन लाल निगम ने घटनास्थल पर पहुंच कर स्थिति को संभाला. पदाधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत की. ग्रामीणों की शिकायत पर एसडीपीओ ने मुखिया के बंद घर की दीवार फांद कर तालाशी ली.
पुलिस छावनी में तब्दील हुआ घोघा गांव
ग्रामीणों के अनुसार, मुखिया पति जयप्रकाश मंडल के यहां अवैध हथियारों का जखीरा था. उसके गुर्गों ने पहले ही यहां से अवैध हथियारों का जखीरा सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है. गांव में दहशत व तनाव का माहौल है. गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गयी है. ग्रामीणों का आरोप है कि मुखिया पति जयप्रकाश मंडल का अवैध हथियारों के साथ अन्य कई प्रकार के अवैध कारोबार पुलिस के संरक्षण में संचालित किये जाते हैं.
घोघा थाना प्रभारी कर दिये गये निलंबित
मुखिया पति जयप्रकाश मंडल और उसके छोटे भाई मनोज मंडल का थाने से फरार होने की घटना के बाद एसएसपी मनोज कुमार ने बताया कि कोदवार पंचायत के मुखिया के पति का थाने से भागने के मामले में घोघा थाना प्रभारी परशुराम सिंह और मुंशी को निलंबित कर दिया गया है. थाने में जल्द ही नये थाना प्रभारी की प्रतिनियुक्ति कर दी जायेगी.
अपने विरोधियों को घसीट-घसीट कर मारता था जयप्रकाश मंडल
कोदवार के जुलो मंडल, मनोज मंडल, शांति देवी, बाबूलाल मंडल सहित दर्जनों लोगों का कहना है कि मुखियापति जयप्रकाश मंडल अपने विरोधियों को सरेआम भीड़ में घसीट-घसीट कर मारता था. किसी की पिटाई करने से पहले वह गांव में ही एक झोंपडी में अपने सहयोगी अपराधियों के साथ बैठक कर योजना बनाता था. उसके बाद अवैध हथियारों से लैस होकर 30-40 लोगों के साथ वह विरोधी को उसके घर से खींच कर सड़क पर लाता था. उसे हिदायत दी जाती थी कि अपनी जुबान बंद रखो, वरना जान से मारे जाओगे.
पिटाई के बाद गांव छोड़कर पलायन कर गये थे दिलीप गुप्ता
दो साल पहले दिलीप गुप्ता की जयहिंद ने दम भर पीटा, फिर उसे मरा हुआ समझ कर छोड़ दिया. होश में आने के बाद दिलीप गुप्ता रातोंरात ही परिवार के साथ गांव से पलायन कर गया. वह और उसके परिवार का कोई सदस्य आज तक गांव नहीं लौटा है.
घोघा थाने पर भी था मुखिया पति का दबदबा
ग्रामीण का कहना है मुखिया पति जयहिंद मंडल की हर शाम घोघा थाना में चौकड़ी जमती थी. कोदवार पंचायत के हर मामले को वह अपने हिसाब से थाना में दर्ज कराता था. किसी की गलती पर वह पहले गांव में उसकी पिटाई करता था, फिर उसे फर्जी मुक़दमे में भी अपने हिसाब से फंसाता था.
इलाज के अभाव में हुई कालीचरण की मौत
मुखिया पति जयप्रकाश मंडल की मौत के बाद उसके परिजनों का आरोप है कि मृतक कालीचरण की मौत समुचित इलाज के अभाव में हुई. उसके परिजनों का आरोप है कि अनुमंडल अस्पताल में इलाज के बाद तुरंत बाद बिना रेफर कराये घोघा पुलिस उसे ले आयी. इसलिए बेहतर इलाज के लिए उसे भागलपुर नहीं ले जाया जा सका. उसके अंदरूनी अंगों में गंभीर चोटें आयी थीं. रात भर वह छाती में दर्द से कराहता रहा और सुबह किसी डॉक्टर के पास ले जाने से पहले ही दम तोड़ दिया.
पुलिस के सर्च से पहले मुखिया पति के गुर्गे हथियार ले भागे
एसडीपीओ रामानंद कुमार कौशल के नेतृत्व में जयहिंद मंडल के घर की तलाशी ली, तो वहां से कुछ भी नहीं मिला. सिर्फ उसकी लाइसेंसी राइफल और 26 राउंड गोलियां मिलीं. ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस के पहुंचने से पहले ही जयहिंद के गुर्गे बहियार के रास्ते उसके घर से हथियारों का जखीरा ले भागे.
अपने गिरोह में युवकों को शामिल करता था जयहिंद
कोदवार के ग्रामीण कहते हैं जयहिंद मंडल गांव में खुलेआम युवकों को अपने गैंग में शामिल करता था. युवकों को वह प्रलोभन देता था कि यदि तुम्हारी मौत हो गयी, तो तुम्हारे परिजनों को पांच लाख रुपये के साथ उनकी परवरिश की जिम्मेदारी भी हम उठायेंगे. इसी लालच में गांव के दर्जनों दागी युवक उसके साथ हर पल चलते थे और उसके इशारे पर मरने-मारने को तैयार रहते थे. ग्रामीणों ने बताया कि जयहिंद के साथ चलने वाले अपराधियों के पास पुलिस से छीनी हुई दो राइफल, कई मास्केट और देसी पिस्तौल का जखीरा है.