सासाराम / पटना : बिहार सरकार की ओर से नशाबंदी के समर्थन में 21 जनवरी को विश्व की सबसे लंबी मानव श्रृंखला निकलने वाली है. इसे लेकर राज्य सरकार ने हर स्तर से जोरदार तैयारियां की है. बताया जा रहा है कि इस मानव श्रृंखला में दो करोड़ लोग शामिल होंगे. इतना ही नहीं मानव श्रृंखला की फोटोग्राफी और रिकार्डिंग के लिये नासा और इसरो जैसी संस्थाओं से संपर्क साधा गया है. सत्ताधारी दल के नेताओं के अलावा स्वयं मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम पर नजर बनाये हुए हैं. बिहार के सभी जिलों में पूर्वाभ्यास का दौर जारी है. स्कूलों और सरकारी अधिकारियों के अलावा स्कूली बच्चे भी इसमें शामिल हो रहे हैं. इसी बीच मानव श्रृंखला को लेकर बिहार के रोहतास जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने एक ऐसा तुगलकी फरमान जारी कर दिया है, जिसे सुनकर और पढ़कर लोग चकित हैं. पदाधिकारी का यह फरमान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
तुगलकी फरमान जारी
सासाराम के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पत्रांक संख्या 34 के जरिये जिले के सभी प्राथमिक,माध्यमिक और उच्च विद्यालयों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है. पदाधिकारी ने पत्र में लिखा है कि दिनांक 21 जनवरी 2017 को प्रस्तावित मानव श्रृंखला में भाग लेने के संबंध में. पदाधिकारी ने आगे लिखा है कि उपर्युक्त विषयक राज्य सरकार के निर्णय के आलोक में मद्य निषेध के पक्ष में दिनांक 21 जनवरी 2017 को पूरे बिहार में मानव श्रृंखला का निर्माण किया जाना है. चूकी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी की सहभागित नितांत आवश्यक है. अतः आप सभी को निर्देश दिया जाता है कि अपने-अपने विद्यालय के सभी छात्र, छात्रों के माता-पिता के साथ स्वयं मानव-श्रृंखला में आवश्यक रूप से भाग लेना सुनिश्चित करें. निर्देश की अवहेलना होने पर समझा जायेगा कि सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम में आपकी रुची नहीं है. साथ ही छात्रों को भी इसकी सूचना दी जाए कि मानव-श्रृंखला में भाग नहीं लेने पर समझा जायेगा की छात्रों का नामांकन अवैध है और वैसे छात्रों को लाभ से वंचित किया जायेगा.
हाइकोर्ट ने किया है सवाल
इससे पूर्व बुधवार को हाइकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार सरकार से पूछा था कि किस कानून के तहत राज्य से गुजरने वाले नेशनल और स्टेट हाइवे को बंद किया जा रहा है. कोर्ट ने सरकार से 24 घंटे के अंदर इस सवाल का जवाब देने का निर्देश दिया है. सरकार आज दाखिल करेगी जवाब.