कटिहार : केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को सही ठहराते हुए बिहार के कटिहार में मनसाही चितौड़िया गड़ीघाट गांव निवासी एक पिता ने बेटी की शादी महज ग्यारह सौ रुपये में रचाकर मिसाल कायम किया. पूरी सादगी और रस्मों-रिवाजों के बीच गुरुवार को पहुंची बारात का स्वागत सिर्फ चाय और एक लड्डू देकर किया गया. शादी की पूरी रस्म एक घंटे में पूरी हुई और बारात दुल्हन लेकर विदा हो गयी.
बारात में आये लोग भी इस शादी से खुश थे. इस शादी में भारी खर्च के साथ-साथ सभी का समय भी बच गया. जानकारी के मुताबिक चितौड़िया के रहनेवाले योगेन्द्र सहनी की पुत्री सरस्वती कुमारी की शादी गांव के ही मुंशी सहनी के पुत्र राजा कुमार से तय हुआ था. इसी बीच अचानक नोटबंदी के कारण उनकी शादी उतनी धूमधाम से नहीं हो पायी. मगर वे लोग इसके लिए मायूस बिल्कुल नहीं थे. शादी तय समय अनुसार गुरुवार को सुबह हुई.
शादी के लिए ना मंडप बना न ही पंडाल
खर्च में कमी के लिहाज से शादी के लिए ना ही मंडप बनाया गया ना ही पंडाल की व्यवस्था की गयी. बस आंगन में खुले आसमान के नीचे कलश और अग्नि जलाकर शादी की फेरे पूरे किये गये. शादी के लिए जो ग्यारह सौ रुपये लड़की के पिता द्वारा खर्च की गयी उनमें लड़की के कपड़े पर 350 रुपये, लड़के के कपड़े पर 400 रुपये, चाय सामग्री पर 150 रुपये जबकि लड्डू मिठाई पर दो सौ रुपये का खर्च किये गये.