नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद दे रहे हैं. अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री पर निशाना साधा. प्रधानमंत्री के इस निशाने पर कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया. प्रधानमंत्री ने भ्रष्ट्राचार और कालेधन की लड़ाई को राजनीतिक लड़ाई मानने से इनकार करते हुए कहा, सारे दलों को इससे लड़ने के लिए साथ आना चाहिए. यह किसी खास पार्टी या लोगों के खिलाफ नहीं है. इससे लड़ने के लिए सबको साथ आना चाहिए.
नोटबंदी पर जवाब
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इससे लड़ने का प्रयास पहले नहीं हुआ ऐसा नहीं है. पहले भी यह कोशिश हुई है. प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की चर्चा करते हुए कहा, जाली नोट, आतंकवाद से देश को नुकसान हो रहा है. जम्मू कश्मीर में बैंक लूटने की कोशिश हुई. इतना ही नहीं नये नोट ले जाने का पूरा प्रयास हुआ. इन कदमों से ईमानदार शक्तियों को बल मिलेगा.
कांग्रेस पर निशाना
नोटबंदी की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान ही नोटबंदी की राय दी गयी थी. उस वक्त उन्होंने इनकार कर दिया. इसकी चर्चा गोडबोले की किताब में है. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, अगर उस वक्त आपने किताब पर आवाज उठायी होती तो अच्छा होता. आज जब गोडबोले के किताब की चर्चा हो रही है तो आपको तकलीफ हो रही है.
जालीनोट के कारोबारी ने आत्महत्या कर ली
प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के फायदे गिनाते हुए कहा, दुश्मन देश में जाली नोट के कारोबार करने वाले व्यक्ति को आत्महत्या करना पड़ा, 30 से40 दिनों में 700 माओवादी ने आत्मसमर्पण किया है. अगर सदन में इसका संतोष नहीं हो रहा है तो इसका मतलब कुछ और है. देश के व्यवस्था में धन होना जरूरी है .
असंगठित मजदूरों की चर्चा
प्रधानमंत्री ने असंगठित मजदूरों को मिलने वाली मजदूरी की चर्चा करते हुए कहा, उन सब के लिए बैंक खाते खोले गये . सीधे उनतक पैसा पहुंचाने की कोशिश की गयी. दुनिया में इतना बड़ा निर्णय होना आसान नहीं है. दुनिया के अर्थशास्त्रियों के लिए विश्वविद्यालयों के लिए केस स्टडी बन सकता है.
जनता और नेता का मिजाज अलग अलग
प्रधानमंत्री ने नोटबंदी पर विपक्ष के विरोध पर निशाना साधते हुए कहा, नोटबंदी के बाद समाजशास्त्री जरूर अध्ययन करेंगे पहली बार देश में जनता और नेताओं को मिजाज उभर कर सामने आया है. अक्सर ये होता था कि सरकार कोई फैसला लेती थी और जनता उसके विरोध में होती थी. पहली बार जनता ने साथ दिया और कुछ नेताओं ने उसका विरोध किया.
मनमोहन सिंह पर निशाना
प्रधानमंत्री मोदी ने मनमोहन सिंह के भाषण का जिक्र करते हुए कहा, हाल में ही एक किताब निकली है. मैंने उसे पढ़ा मुझे लगा कि इतने बड़े अर्थशास्त्री हैं उन्होंने इस पर कुछ लिखा होगा लेकिन किताब किसी और ने लिखी है. उनके भाषण से भी यही लगा.. प्रधानमंत्री ने कहा, राजनेताओं को डॉक्टर साहब से बहुत कुछ सीखना चाहिए. इतना कुछ हुआ लेकिन उनपर एक दाग तक नहीं लगा. बाथरूम में रेन कोट पहनने की कला कोई उनसे सीखे. प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की चर्चा आगे बढ़ाते हुए कहा, देश में कहीं भी छोटी मोटी घटना पर बसें जला दी जाती है. इतने बड़े फैसले के बाद भी लोगों ने इसे स्वीकार किया.
सीताराम येचूरी से समर्थन की उम्मीद
मैं जब नोटबंदी पर फैसला ले रहा था तो उम्मीद थी कि सीताराम येचूरी के दल से समर्थन मिलेगा. उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने विमुद्रीकरण की चर्चा करते हुए कहा था कि इंदिरा गांधी कालेधन के कारण बची है. ज्योतिर्मय बसु ने इसकी सिफारिश की थी. उन्होंने 1972 में कहा था उनकी यह सरकार कालेधन की, कालेधन के लिए है. कालेधन से है. सीपीएम के वरिष्ठ नेता हरकिशन सिंह सुरजीत ने भी 1981 में कालेधन पर लगाम लगाने के लिए आवाज बुलंद की थी.
डीजिटल व्यवस्था पर पीएम की राय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीजिटल व्यवस्था की चर्चा करते हुए कहा, सदन में आवाज उठ रही है कि इसके लिए व्यवस्था नहीं है. मैं सोच रहा ता इस पर क्या कहूं लेकिन फिर मैंने सोचा कि यह तो 70 साल के कामकाज का हिसाब है. मैं नहीं कहता कि सब जगह डीजिटल व्यवस्था है लेकिन जहां मौजूद है वहां तो करें. रेलवे , बिजली जैसे कामों के लिए लोग डीजिटल पेमेंट के माध्यम से बढ़ावा दे रहे हैं. इससे सरकार को भी फायदा हुआ है. कई जगह भ्रष्ट्राचार रूके हैं.
रिजर्व बैंक पर हमला करना ठीक नहीं
प्रधानमंत्री ने रिजर्व बैंक पर राजनीतिक हमले का विरोध किया. उन्होंने कहा, इससे पहले जो गर्वनर थे उनके खिलाफ आवाज उठी थी मैंने उस वक्त भी कहा था यह ठीक नहीं है. पूर्व गर्वनर डी सुब्बाराव ने पुरानी सरकार पर आरोप लगाये. इस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा. हमारी सरकार ने गर्वेनेंस के मुद्दे पर काम किया. हमने एफीडेफिट की परंपरा को खत्म कर दी और सेल्फ अटेसटेड को मान्यता दी.
कल लोकसभा में क्या बोले थे प्रधानमंत्री
कल लोकसभा में संबोधन के दौरान उन्होंने सारे पहलुओं पर चर्चा की थी. इसको लेकर भाजपा ने व्हिप जारी करके अपने सांसदों को दो दिन राज्यसभा में मौजूद रहने को कहा है. इससे पहले मंगलवार को पहली बार संसद में नोटबंदी का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने अपने फैसले की मंशा, तैयारी और वक्त को सही करार दिया.
नोटबंदी की तुलना ‘स्वच्छ भारत’ अभियान से करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आर्थिक स्वच्छता का यह कदम सोच-समझ कर उठाया गया था. वह भी ऐसे वक्त में जब अर्थव्यवस्था मजबूत थी. उनका अगला वार बेनामी संपत्ति रखने वालों पर होगा. मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक समेत तमाम मुद्दों पर अपने विचार रखे थे.