देश में बुलेट ट्रेन चलने का काम शुरू हो गया है. पहली ट्रेन समुद्र के नीचे चलने की संभावना है.मुंबई-अहमदाबाद रेल गलियारे के सात किलोमीटर लंबे समुद्र के नीचे के मार्ग की ड्रिलिंग का काम जारी है. इसके जरिये भारत की पहली बुलेट ट्रेन मार्ग की मिट्टी की भार वहन क्षमता का पता लगाया जा रहा है.
दो प्रमुख महानगरों को जोड़ने वाली हाई स्पीड ट्रेन 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी. ठाणे के नजदीक देश में पहली बार यात्रियों को समुद्र के नीचे की यात्रा का रोमांच मिलेगा.
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया ‘समुद्र के नीचे की 70 मीटर की गहराई पर मौजूद मिट्टी और चट्टानों का परीक्षण किया जा रहा है और यह पूरी परियोजना के लिए किए जाने वाले भू-तकनीकी और भू-भौतिकीय परीक्षण के कार्य का हिस्सा है.
उन्होंने बताया कि 21 किलोमीटर लंबी सुरंग को छोड़कर 508 किलोमीटर लंबे गलियारे का अधिकांश भाग एलेवेटेड मार्ग पर प्रस्तावित है जबकि ठाणे क्रीक के बाद वीरार की ओर का एक भाग परियोजना की वित्तपोषण एजेंसी जेआईसीए की परियोजना रिपोर्ट के अनुसार समुद्र के भीतर से गुजरेगा.
परियोजना के लिए भू़परीक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे समुद्र से 70 फीट नीचे की मिट्टी की भार वहन क्षमता का पता लगाया जा सकेगा. परियोजना के लिए 97,636 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत का 81 फीसदी जापान से ऋृण के रूप में उपलब्ध होगा.