नयी दिल्ली : बीसीसीआई बनाम लोढ़ा पैनल के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज न्यायमित्रों से पूछा कि क्या अनुराग ठाकुर ने इस मामले में झूठ कहा है. कोर्ट को जवाब देते हुए न्यायमित्र ने कहा कि अनुराग ठाकुर ने शपथपत्र डालकर झूठ बोला है कि उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में शशांक मनोहर के निर्णयों का अनुसरण किया. गौरतलब है कि अनुराग ठाकुर पर यह आरोप है कि उन्होंने लोढ़ा समिति की सिफारिशों को बाधित करने का प्रयास किया. सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से कहा है कि उनकी नजर में एडमिनिस्ट्रेटर के पद के लिए कोई व्यक्ति हो तो बतायें, इसके लिए उन्हें एक सप्ताह का समय दिया गया है.
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने बीसीसीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें इस क्रिकेट संस्था में आमूलचूल बदलाव करने के संबंध में न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को लागू करने के 18 जुलाई के उसके आदेश की समीक्षा करने की अपील की गयी थी.
प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर और न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की पीठ ने कहा था, ‘‘हमने समीक्षा में पक्ष में दी गयी दलीलों पर गौर किया. हमें 18 जुलाई 2016 के अपने आदेश में स्पष्ट तौर पर कोई त्रुटि नजर नहीं आती है. इसलिए समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया जाता है. ‘ यह आदेश दस नवंबर को दिया गया था लेकिन इसे हाल में शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया गया.
क्रिकेट एसोसिएशन आफ बिहार ने अपने सचिव आदित्य कुमार वर्मा के जरिये बोर्ड का विरोध किया था. वर्मा की याचिका पर ही शीर्ष अदालत ने बीसीसीआई प्रशासन में आमूलचूल बदलावों के निर्देश देने का फैसला किया था. बीसीसीआई ने अपनी समीक्षा याचिका में खुली अदालत में सुनवाई की मांग की थी तथा इस क्रिकेट संस्था के अलावा पूर्व क्रिकेट प्रशासक निरंजन शाह और चंदू बोर्डे सहित कई अन्य ने फैसले की समीक्षा करने की मांग की थी.