2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए के सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी ने फॉर्मूला तैयार कर लिया है. बीजेपी ने जो फॉर्मूला तैयार किया है उसके मुताबिक, बीजेपी बिहार की 20 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. आपको बता दें कि अभी बिहार में बीजेपी के पास 22 सांसद हैं. वहीं इस सीट बंटवारे के फॉर्मूले से साफ है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में अपने सहयोगी दलों को साथ लेकर चलना चाहती है. इसलिए बीजेपी नाराज चल रहे सहयोगी दल जेडीयू को आगामी लोकसभा चुनाव में 12+1 सीट देने के फॉर्मूले पर विचार कर रही है. आपको बता दें कि कई बार जेडीयू के अलग-अलग नेता सीट बंटवारे को लेकर अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं.
जेडीयू के पास मौजूदा वक्त में 2 लोकसभा सांसद हैं और बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू 12 +1 सीट दे सकती है. इसमें से 12 सीट जेडीयू को बिहार में और एक सीट झारखंड़ या यूपी में दे सकती है. वहीं राम विलास पासवान की पार्टी एलजेपी के पास फिलहाल 6 सांसद हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव में एलजेपी ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन इस बार बिहार में एनडीए के सीटों के बंटवारे में एलजेपी की सीटें घट सकती हैं. बीजेपी एलजेपी को इस बार सिर्फ 5 सीटें देने पर विचार कर रही है.
उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी अगर एनडीए के साथ रहती है तो उन्हें 2 सीट मिलेगी. आरएलएसपी से निलंबित सांसद अरुण कुमार भी एनडीए से ही चुनाव लड़ेंगे.
आपको बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को बिहार की 40 में से 22 सीटें मिलीं थीं, जबकि सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को क्रमश: छह और तीन सीटें मिलीं थीं. तब जेडीयू को केवल दो सीटें ही मिलीं थीं. वहीं, 2015 के विधानसभा चुनाव में बिहार की 243 सीटों में से जेडीयू को 71 सीटें मिलीं थीं. तब भाजपा को 53 और लोजपा एवं रालोसपा को क्रमश: दो-दो सीटें मिलीं थीं. उस चुनाव में जेडीयू, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तथा कांग्रेस का महागठबंधन था.