पटना : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने राज्यभर के सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में सात फीसदी बढ़ोत्तरी की है. माना यह जा रहा है कि बिहार में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में लगने वाले कुछ और समय की वजह से सरकार ने फिलहाल डीए में सात फीसदी की वृद्धि कर महंगाई से राहत देने का प्रयास किया है. इस बाबत बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई में हुई राज्य कैबिनेट की आपात बैठक में निर्णय किया गया है.
सरकार के द्वारा दी गयी मंजूरी के बाद राज्यकर्मियों को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता एक जुलाई, 2016 से दिया जायेगा. इस निर्णय से राज्य के चार लाख कर्मियों और तीन लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा. इससे राज्य सरकार के खजाने पर सालाना 565 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. राज्यकर्मियों को अब तक 125% महंगाई भत्ता मिल रहा था, जो अब बढ़ कर 132% हो जायेगा.
इसके अलावा कैबिनेट ने दिल्ली स्थित बिहार भवन और बिहार निवास के किराये में बढ़ोतरी का फैसला लिया है. अब तक इस दोनों भवनों में सरकारी कार्य के सिलसिले में एक दिन ठहरने पर 16 रुपये देने पड़ते थे. अब इसके लिए 250 रुपये देने होंगे.
गैर सरकारी कार्य के लिए अब प्रतिदिन 50 की जगह 500 रुपये देने पड़ेंगे. इसी प्रकार गैर सरकारी आदमी को 250 की जगह 1000 रुपये प्रतिदिन की दर से किराया देना पड़ेगा. तय समय पर कमरा नहीं छोड़ने पर दोगुना राशि चुकानी होगी. इसके पहले 1997 में इन दोनों का किराया बढ़ाया गया था. कैबिनेट की बैठक में 24 एजेंडों को मंजूरी दी गयी.
अब 50 हजार तक बिना काेटेशन के विभागीय खरीदारी कैबिनेट ने विभागीय खरीदारी की सीमा को 50 हजार रुपये तक बढ़ा दिया है. अब 50 हजार रुपये तक की विभागीय खरीदारी के लिए कोटेशन की आवश्यकता नहीं होगी. पहले यह सीमा मात्र 15 हजार रुपये थी. हाल के दिनों में कई वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण यह सीमा बढ़ायी गयी है.