पटना : बिहार में आने वाले किसी भी धर्म गुरु को अब राजकीय अतिथि का दर्जा नहीं मिलेगा. यहां दूसरे राज्यों से आने वाले धर्म गुरुओं को अब राज्य सरकार सिर्फ सुरक्षा प्रदान करेगी. किसी को भी स्टेट गेस्ट का दर्जा देने के बाद उसको ठहरने, आने-जाने और भोजन से संबंधित सभी खर्च राज्य सरकार को वहन करना होता है. मामला आचार्य महाश्रमण जी की बिहार यात्रा को लेकर जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष लाया गया, तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि अब नयी नीति तैयार हो गयी है. राज्य सरकार किसी भी धर्म के प्रचारक और धर्म गुरु को राजकीय अतिथि का दर्जा नहीं देगी.
यह प्रावधान अब लागू हो गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जिस प्रकार के भी साधु संत आयेंगे उनको उस स्तर की सुरक्षा प्रदान की जायेगी. ए से जेड श्रेणी में किसी बी कटेगरी में आनेवाले को उस कटेगरी की सुरक्षा दी जायेगी. राज्य सरकार खुद विभिन्न अवसरों पर धार्मिक सद्भाव के लिए काम करती है. चाहे वह दशहरा का मौका हो, मुहर्रम का अवसर हो या कोई अन्य धार्मिक त्योहार का मौका हो. सरकार खुद सामाजिक व धार्मिक सद्भाव के लिए प्रचार -प्रसार करती है