पटना : अब जिन अभ्यर्थियों के पास संगीत की डिग्री के साथ बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के मैट्रिक और इंटर का प्रमाण पत्र होगा वही संगीत शिक्षक के रूप में नियुक्त हो पायेंगे. शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीइटी देने के पूर्व स्नातक उत्तीर्णता आवश्यक है. शिक्षा विभाग ने संगीत शिक्षकों की बहाली के लिए नयी गाइडलाइन जारी की है. गाइडलाइन जारी होने के बाद अब नियुक्ति इसी के आधार पर की जायेगी. शिक्षक नियोजन कार्यालय द्वारा इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है.
इस गाइडलाइन के बाद अब कई संगीत अभ्यर्थी की डिग्री अमान्य हो जायेगी. इससे कई अभ्यर्थी छंट जायेंगे. संगीत शिक्षक नियुक्ति में कई अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र पर संदेह था. अभ्यर्थी ने ऐसे प्रमाण पत्र नियोजन कार्यालय को सौंपे थे, जिसमें अभ्यर्थी एक ही साल मैट्रिक और इंटर पास किये थे. इसके अलावा अभ्यर्थी पहले इंटर पास किये फिर मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण हुए. कई अभ्यर्थी तो ऐसे पाये गये जो पहले स्नातक किया, उसके बाद इंटर और फिर मैट्रिक परीक्षा पास की. ऐसे तमाम अभ्यर्थी के प्रमाण पत्र को शिक्षा विभाग ने अमान्य घोषित कर दिया है. ये सारे अभ्यर्थी अब शिक्षक नियोजन में छंट जायेंगे.
– जल्द शुरू होगी नियुक्ति प्रक्रिया
विभाग द्वारा नयी गाइडलाइन जारी होने के बाद अब संगीत शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू होगी. शिक्षक नियोजन के द्वितीय चरण की नियोजन प्रक्रिया के साथ संगीत शिक्षकों का भी नियोजन शुरू होगा. जल्द ही इसके लिए शेड्यूल जारी किया जायेगा. मालूम हो कि कई जिलों की शिक्षक नियोजन प्रक्रिया बीच में रोक दी गयी थी, इससे पुराने शेड्यूल पर नियोजन नहीं हो पाया. अब विभाग की ओर से नया शेड्यूल जारी किया जायेगा. प्रदेश भर में एक ही शेड्यूल पर शिक्षक नियोजन का कार्य होगा.
संगीत शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 में ली गयी थी. काफी संख्या में अभ्यर्थी उत्तीर्ण भी हुए. लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पायी. नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान पाया गया था कि कई अभ्यर्थी के प्रमाण पत्र में कई गड़बड़ियां हैं. इससे नियुक्ति प्रक्रिया को रोक दिया गया था. इसकी सूचना शिक्षा विभाग को दी गयी. साथ में विभाग से गाइड लाइन लेने को कहा गया था.
संगीत शिक्षक नियोजन में जो अभ्यर्थी वोकल, तबला और अन्य वाद्ययंत्र की योग्यता दी है, उनके नियोजन का फैसला बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से लिया जायेगा. समिति के शैक्षिक सलाहकार से परामर्श लेने के बाद ही ऐसे अभ्यर्थी की नियुक्ति शिक्षक के रूप में की जायेगी.