पटना : एससी-एसटी छात्रवृत्ति घोटाले में बिहार के नवादा जिले से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है. इसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) को सौंपी गयी है. इसमें अब तक की जांच में चौकानेवाले तथ्य मिले हैं. देहरादून के पांच ऐसे इंजीनियरिंग कॉलेजों का पता चला है, जो सिर्फ कागज पर हैं. इनमें नवादा के 50 फर्जी छात्रों का एडमिशन दिखा कर छात्रवृत्ति की राशि हड़प ली गयी. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के पांच ऐसे कॉलेजों का भी पता चला है, जिनमें 10 छात्रों का एडमिशन दिखाया गया, पर वास्तव में उनका नामांकन हुआ ही नहीं था. ऐसे 10 निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में कुल 60 फर्जी छात्रों का एडमिशन दिखा कर छात्रवृत्ति के 1.26 करोड़ रुपये हड़प लिये गये.
एसआईटी का हुआ गठन : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मामले में नवादा के तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी समेत जिले के सात अधिकारियों पर एफआइआर दर्ज की गयी है. इसमें मुख्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत की भी आशंका है. जल्द ही सभी नामजद अधिकारियों की गिरफ्तारी होगी. इओयू ने जांच के लिए एएसपी सुशील कुमार के नेतृत्व में एसआइटी गठित की है.
बिना मैट्रिक पास इंजीनियरिंग में एडमिशन : जिन छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति की राशि निकाली गयी है. उनमें छह-सात तो मैट्रिक पास भी नहीं हैं. इओयू ने इनकी डिग्री की जांच के लिए बिहार बोर्ड में भेजा है. इनमें 20 छात्रों की डिग्री जांच पूरी हो गयी है, जिनमें 16 की डिग्री फर्जी है.
जिनके पास पैसे ट्रांसफर हुए, उनकी हुई पहचान : जांच में यह बात भी सामने आयी है कि छात्रवृत्ति के पैसे जिन कॉलेजों के नाम पर अलग-अलग खातों में ट्रांसफर हुए हैं, उन सभी खातों की पहचान हो गयी है. इन पैसों को कुछ दिनों बाद अन्य खातों में भी ट्रांसफर किया गया है.