पटना : ठंड के दस्तक देते ही पूर्व बिहार के जंगलों में नक्सलियों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। ऐसी खुफिया सूचना मिल रही है कि वे किसी बड़ी हमले की तैयारी की साजिश में जुटी हैं। आईबी की रिपोर्ट मिलने के बाद आईजी सुशील मान सिंह खोपड़े ने पूर्व बिहार के नक्सल प्रभावित जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। 27 नवंबर को बांका में नक्सली मुठभेड़ की घटना भी हो चुकी है।
सूत्र बता रहे हैं कि नक्सलियों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। झारखंड के गिरीडीह जंगल से नक्सलियों का जत्था पिछले सप्ताह जमुई के जंगल में घुसा है। नक्सलियों की गतिविधियों को देखते हुए लकड़हारों ने जंगल जाना छोड़ दिया है। जमुई में डेरा डाले नक्सली बांका, मुंगेर और लखीसराय के जंगलों में प्रवेश करने की तैयारी में हैं। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर जंगल में भी ऑपरेशन की तैयारी की गई है। जमुई और बांका में कैंप कर रहे सीआरपीएफ और एसटीएफ के चीता बटालिन को भी अलर्ट रहने को कहा गया है।
27 नवंबर को बांका जिले के आनंदपुर ओपी के करमाटांड़ जंगल में नक्सलियों और पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई थी। कहा जा रहा है कि नक्सली हथियार लूटने की फिराक में थे लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने हमला बोल दिया।
ठंड का मौसम हमला करने के लिए मुफीद
ठंड के मौसम में अक्सर शाम के समय नक्सली हमला करते हैं और रात में कुहासे का फायदा उठाकर भागने में सफल हो जाते हैं। रात होने के कारण घटना के बाद पुलिस भी ऑपरेशन नहीं करती है। 31 दिसंबर, 2011 को नक्सलियों ने जमुई के सिमुलतला में एक ही परिवार के तीन सदस्यों का अगवा कर हत्या कर दी थी। 17 फरवरी, 2011 को जमुई के शीतला कोड़ासी में बदले की कार्रवाई के तहत 11 ग्रामीणों को जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई थी। घटना से सप्ताह भर पहले ग्रामीणों ने आठ नक्सलियों को मार दिया था। 10 जनवरी, 2010 को भागलपुर के अकबरनगर के बीएमपी कैंप पर हमलाकर दर्जनों हथियार और गोलियां लूट ली गई थी। नक्सलियों ने जनवरी महीने में ही मुंगेर के एसपी केसी सुरेन्द्र बाबू समेत छह पुलिसकर्मियों को बारूदी सुरंग विस्फोट कर उड़ा दिया था।
सुशील मान सिंह खोपड़े, जोनल आईजी, भागलपुर ने बताया कि पूर्व बिहार में नक्सल गतिविधियों के बाद जमुई, बांका, लखीसराय, मुंगेर और भागलपुर जिले को अलर्ट किया गया है। नक्सलियों को बांका में मुंहतोड़ जवाब दिया गया था और जंगल में छिपे नक्सलियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।