राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का उपहास करते हुए आज कहा कि राजद इसके जवाब में ‘काम की बात’ का आयोजन करेगा.
उन्होंने आज यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि मन की बात के एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने आशा कार्यकर्ता के बारे में अनभिज्ञ होने की बात कही थी.
उन्होंने कहा कि बिल गेट्स और मिलिंडा गेट्स से आशा कार्यकर्ताओं के कार्यो की प्रशंसा सुनने के बाद उन्हें आशा नेटवर्क का पता लगा.
रघुवंश ने कहा कि यह दुर्भाग्य और अचंभित करने वाला है कि वर्ष 2005 में, जिस समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उसी समय से आशा कार्यकर्ता कार्यरत हैं.
राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के साथ संवाददाताओं को संबोधित करते हुए रघुवंश ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा कि आशा कार्यकर्ताओं को कोई मासिक मजदूरी नहीं मिलती. महीने में एक दो गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के बदले कुछ राशि मिल जाती है.
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार देश भर में कार्यरत करीब 20 लाख आंगनबाडी सेविकाएं और सहायिकायें कार्यरत है जिन्हें प्रतिमाह मात्र 3000 और 1500 रुपये मासिक ही मिलता है. इससे उनका जीवनयापन कैसे चलेगा.
रघुवंश ने आरोप लगाया कि केन्द्र लाखों लोगों से नाममात्र की मजदूरी पर कार्य करवाता है. उन्होंने कहा कि केंद्र ने किसानों की आमदनी दोगुनी कराने की घोषणा की थी लेकिन उनकी लागत बढ गयी और आमदनी घट गयी. फिर भी किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया है.
रघुवंश ने कहा कि प्रत्येक महीने काम की बात के आयोजन के जरिए राजद प्रधानमंत्री द्वारा लोगों से किए जो वायदे नहीं पूरे हुए हैं उन्हें उजागर करेगा तथा आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाडी सेविकाओं एवं सहायिकाओं तथा किसानों के सवालों को लेकर संघर्ष तेज करेगा.