नयी दिल्ली : केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में आज एक कैविएट दाखिल किया कि यदि 500 एवं 1000 रुपये के नोट अमान्य करने के फैसले को लेकर किसी याचिका पर न्यायालय सुनवाई करता है तो सरकार की भी बात सुनी जाए. इस बीच न्यायालय ने संकेत दिया कि वह सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका पर 15 नवंबर को सुनवाई कर सकता है.
एक वकील ने अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई की इस आधार पर आज मांग की कि मुद्रा को अमान्य किए जाने से आम लोगों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड रहा है. इस पर न्यायाधीश ए आर दवे की अध्यक्षता में तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने कहा, ‘‘यदि रजिस्टरी याचिका को मंगलवार के लिए सूचीबद्ध कर सके तो इसे तब के लिए सूचीबद्ध किया जाए.’मोदी सरकार ने उच्चतम न्यायालय की रजिस्टरी में एक कैविएट दाखिल करके कहा कि यदि न्यायालय याचिकाओं की सुनवाई करता है और कुछ निर्देश पारित करता है तो उसकी भी बात सुनी जाए. वकील संगम लाल पांडे ने इस याचिका को पेश किया. उन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में जनहित याचिका दाखिल की है.