बेगूसराय : नोटबंदी के बाद जहां एक और लोग खुश नजर आ रहे है तो दूसरी और नोटबंदी के बाद किसान और सब्जी विक्रेता हलकान हो रहे हैं. नोटबंदी को लेकर हर तरफ चर्चा का माहौल गर्म है. सब्जी के दाम में भारी इजाफा के चलते जहां किचेन में प्रतिदिन किच-किच हुआ करता था आज किचेन में खाना बनाने वाली महिलाएं न सिर्फ खुश हैं वरन कई प्रकार की सब्जियां उनके घरों में बननी शुरू हो गयी है.
नोटबंदी के बाद सब्जी की कीमतों में आयी गिरावट :नोटबंदी के बाद सब्जियों के भाव में काफी गिरावट आयी है. लेकिन दलहन और तिलहन के दाम में इजाफा हुआ है.अधिकांश किसानों का कहना है
कि हमारे पास खेती करने के लिए रुपये तो थे लेकिन सरकार के नये नियम के बाद हम सभी उन रुपयों को बैंक में जमा करा दिये. जमा किये हुए हमारे एक लाख रुपये के बदले में रोजाना बैंक के तरफ से 4 हजार रुपये ही रोज दिया जा रहा था.जबकि सरकार के नियम अनुसार बैंक को सप्ताह में 20 हजार रुपये देने थे. कुछ बैंक वालों की मनमानी को लेकर किसानों की खेती प्रभावित हुई है.नोटबंदी से पूर्व सब्जियों के भाव आसमान छू रहे थे. लेकिन नोटबंदी होने के बाद सब्जी की कीमतों में भारी गिरावट आयी है. शहर के सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि नोटबंदी के बाद से सब्जी की बिक्री में भी काफी गिरावट आयी है. शहर के किसानों का कहना है कि नोटबंदी के बाद सब्जी विक्रेता के पास खुदरा रुपये नहीं रहने के कारण अधिकांश स्टोर की हुई सब्जी सड़-गल जा रहा था.जिस वजह से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
नोटबंदी के बाद से सब्जी की होलसेल कीमत से लेकर खुदरा कीमतों में काफी गिरावट आया है.नोट के अभाव में खुदरा विक्रेता सब्जी के लिए अरढ में नहीं पहुंच पा रहे हैं.