नयी दिल्ली : संसद में नोटबंदी पर लगातार तीसरे दिन भी हंगामा जारी रहा. हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है. विपक्ष लोकसभा में आज भी नोटबंदी पर नियम 56 के तहत चर्चा कराने की मांग पर अड़ा रहा, हालांकि सरकार भी नियम 193 के तहत ही चर्चा कराने की जिद पर कायम है. हालांकि शुक्रवार को सत्तापक्ष एक अलग रणनीति के साथ सदन पहुंचा.
सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही में विपक्ष जहां नोटबंदी पर पीएम मोदी के संसद में बोलने की मांग पर अड़ा था वहीं शुक्रवार को सदन की पूरी कार्यवाही पर का बयान हावी होता दिखा. भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने आज लोकसभा में नबी द्वारा कल राज्यसभा में दिये गये बयान का मामला उठाया. नबी ने कल कहा था कि उरी हमले में जितने लोग मरे, उससे ज्यादा नोट बदलने के लिए लाइन में लगने पर मर गये. उनके इसी बयान पर सरकार की नई रणनीति की वजह से हमलावर विपक्ष आज बैकफुट पर नजर आया.
सरकार द्वारा 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट अमान्य किए जाने के बाद देश में उत्पन्न हालात पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कल विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा की गई टिप्पणियों को लेकर आज राज्यसभा में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच टकराव हुआ और एक दूसरे से माफी की मांग को लेकर सदस्यों के हंगामे के चलते बैठक चौथी बार 2: 30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. राज्यसभा की बैठक शुरू होने पर उपसभापति पी जे कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसके बाद उन्होंने जैसे ही शून्यकाल के तहत मुद्दे उठाने के लिए कहा, अन्नाद्रमुक सदस्य कावेरी नदी का मुद्दा उठाते हुए आसन के समक्ष आ कर नारे लगाने लगे.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि देश में उत्पन्न अराजक एवं अफरातफरी की स्थिति के लिए सरकार जिम्मेदार है. इसी दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद से माफी की मांग करते हुए अपने स्थानों से आगे आ गए. उप सभापति पी जे कुरियन ने सदस्यों से शांत रहने और अपने स्थानों पर जाने के लिए कहा. उन्होंने कहा ‘‘अगर सदस्य अपने र्स्थानों पर जा कर शांति से अपनी बात कहेंगे तो अच्छा होगा. मैं सबको अपना पक्ष रखने का मौका दूंगा.’ अब तक कांग्रेस के सदस्य आसन के समक्ष आ कर प्रधानमंत्री से माफी की मांग करते हुए नारे लगाने लगे. उनका कहना था कि पुराने 500 रुपये और 1000 रुपये के 86 फीसदी नोट वापस लिए जाने के निर्णय से आम लोगों को हो रही परेशानी के लिए सरकार और प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए.
हंगामे के बीच ही संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा ‘‘विपक्ष के नेता ने कल कहा कि जम्मू कश्मीर के उरी में आतंकवादियों ने जितने लोगों को मारा, उससे कहीं अधिक लोगों की जान सरकार द्वारा उठाए गए नोटबंदी के कदम से गई है.’ नकवी ने कहा ‘‘ विपक्ष के नेता की इस टिप्पणी से पूरे देश में यह संदेश गया है कि कांग्रेस आतंकवादियों का महिमामंडन कर रही है और काला धन रखने वालों का साथ दे रही है. विपक्ष के नेता को अपनी इस टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि नोटबंदी तो कालाधन रखने वालों, भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों और आतंकवाद के खिलाफ की गई है फिर इस मिशन को लेकर भ्रम क्यों फैलाया जा रहा है. कुरियन ने कांग्रेस के सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा ‘‘आप आसन के समक्ष आ चुके हैं और मांग करते हैं कि सत्ता पक्ष चुप रहे. पहले आप अपनी जगह पर जाएं तब मैं उन्हें भी अपने स्थानों पर जाने के लिए कहूंगा.’ उन्होंने भाजपा सदस्यों को शांत करते हुए कहा ‘‘आप विपक्ष नहीं हैं. सत्ता पक्ष को इस प्रकार अव्यवस्था उत्पन्न नहीं करनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि वह सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर देंगे लेकिन पहले कार्यवाही तो चलने दी जाए. नकवी ने कहा ‘‘अगर विपक्ष के नेता कुछ कहना चाहते हैं तो वह अपनी बात रखें अन्यथा आसन को अव्यवस्था उत्पन्न कर रहे विपक्षी सदस्यों के संबंध में अपने अधिकारों का इस्तेमाल करना चाहिए.’