नोटबंदी इफेक्ट: पेट्रोल-डीज़ल की कालाबाजारी,डेढ़ से दो गुना कीमतों पर खरीद रहे लोग

मुजफ्फरपुर : नोटबंदी के बााद जिले में पेट्रोल व डीजल की खपत बढ़ गयी है. पेट्रोल की खपत एक लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़कर 1.4 से 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन हो गयी है. वहीं डीजल की खपत एक लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़कर करीब दो लाख लीटर प्रतिदिन हो गयी है. जानकारी के मुताबिक पेट्रोल व डीजल लेने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है. 100, 200, 300 का तेल लेने वाले लोग अब सीधे 500 रुपये का तेल रहे हैं. नोटबंदी के बाद 95 फीसदी से अधिक लोग पुराने 500 व 1000 रुपये का नोट लेकर पंप पर तेल लेने आते हैं, लेकिन खुल्ला नहीं होने के कारण उन्हें 500 रुपये के गुणक में तेल लेना होता है.

इस बात को लेकर कुछ पंपों पर ग्राहक व पंपकर्मी में नोक-झोंक भी हुई. 95 फीसदी से अधिक ग्राहक 500 व 1000 रुपये के पुराने नोट लेकर आते हैं और कहते 100-200 रुपये का तेल चाहिए. ऐसे में हर ग्राहक को खुल्ला दे पाना मुश्किल हो रहा था. इसी बात को लेकर कुछ ग्राहकों से कभी-कभी बकझक हो जाती है. पंप पर कार्यरत कर्मी के पास खुल्ले पैसे नहीं रहते हैं. पंप पर पैसा आता है और एक लिमिट के बाद उसे बैंक अकाउंट में भेज दिया जाता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले पेट्रोल व डीजल का स्टॉक कर रहे हैं. इस कारण अचानक खपत बढ़ गयी है.

निगम में 17 दिन में सवा करोड़ वसूली : नोटबंदी के बाद 17 दिन में नगर निगम के राजस्व में पांच गुणा की बढ़ोत्तरी हुई है. नोटबंदी के जब सरकार ने पुराने नोट से टैक्स जमा करने का आदेश जारी किया. तो 17 दिन में निगम के राजस्व में पांच गुणा बढ़ोत्तरी हुई है. जहां पहले प्रत्येक दिन 2 से 2.5 लाख रुपये की वसूली होती थी, दो सप्ताह में करीब 25-30 लाख. जो इस दो सप्ताह में बढ़कर करीब सवा करोड़ रुपये पहुंच गयी है. प्रतिदिन की एवरेज वसूली 10 लाख रुपये तक पहुंच गयी है. सरकार के इस फैसले का निगम का राजस्व बढ़ा ही है और बकायेदारों को भी काफी राहत मिली है. वह आराम से पुराने नोट के माध्यम से बकाया कर की अदायगी कर रहे हैं.

24 से एक हजार रुपये के नोट बंद होने के बाद राजस्व वसूली में थोड़ा असर पड़ा है, लेकिन वसूली जारी है.
पंपों पर पांच प्रतिशत ग्राहक ही खुले पैसों से ले रहे तेल
रेडक्रॉस स्थित एसबीआइ बैंक में पैसा निकालने के िलए लगी कतार.
500 रुपये की ली जा रही जानकारी
24 नवंबर को सरकार की ओर से 1000 रुपये के नोट बंद कर दिये गये. वहीं अब बैंकों में पुराने पांच सौ नोट जमा करने को लेकर डिटले फॉर्म में जानकारी मांगी जा रही है. इस कारण कुछ पंप पर अब 500 रुपये के पुराने नोट देने पर उनसे उनका नाम व मोबाइल नंबर एक रजिस्टर पर इंट्री करायी जा रही है. चूंकि अब बैंकों की ओर से पुराने 500 रुपये के नोट के संबंध में जानकारी मांगी जाती है, इस कारण पेट्रोल पंपों पर पुराने 500 रुपये के नोट का रिकॉर्ड रजिस्टर में अंकित किया जा रहा है. जिन पंपों पर रिकॉर्ड इंट्री हो रही है उन पंपों पर धीरे-धीरे पुराने नोट देकर तेल लेने वालों की संख्या में कमी आ रही है
नाेटबंदी के बाद पेट्रोल की खपत में करीब डेढ़ गुणा व डीजल की खपत दो गुणा बढ़ गयी है. पेट्रोलियम पदार्थ खरीदने वालों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है. पंपों पर खुल्ले पैसे की कमी के कारण लोग 500 रुपये के गुणक में तेल ले रहे है. बीच में दो-तीन दिनों के लिए सेल में थोड़ी कमी आयी थी, जो पुन: डेढ़ व दोगुणा पर चल रही है.

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