नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बेनामी संपत्ति खरीदने व रखने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है. नोटबंदी की मियाद 30 दिसंबर को खत्म होने के बाद संभव है सरकार के प्रयास इस दिशा में धरातल पर भी दिखें. न्यूज एजेंसी रायटर्स ने आयकर विभाग के एक अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि इस साल जुलाई में फाइल किए टैक्स रिटर्न और बैंक ट्रांजेक्शंस के डेटा के जरिए संदिग्ध रियल एस्टेट संपत्तियों की छानबीन करेगी. सरकार पूरी जानकारी जुटाने के बाद ऐसे संदिग्ध रियल एस्टेट संपत्तियों पर छापामारी की जायेगी. ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल ही आकाशवाणी पर मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि उनकी सरकार नोटबंदी के बाद बेनामी संपत्ति रखने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ेगी.
टैक्स विभाग के अफसर के अनुसार, 500 व 1000 रुपये के नोटों को अचानक बंद करने के बाद अब सरकार संदिग्ध रियल एस्टेट संपत्तियों की जांच पर ध्यान केंद्रित करेगी. अगले साल यह सरकार की प्राथमिकता होने वाली है. नोटबंदी के बाद कैश की कड़की पर तीखे विरोध का सामना कर रही मोदी सरकार के लिए रियल एस्टेट से भ्रष्टाचार को खत्म करना एक बड़ी चुनौती होगी. बाजार के जानकारों का कहना है कि इस सेक्टर में भ्रष्टाचार के पैसे का खासा निवेश है.
मालूम हो कि इसी साल एक नवंबर से बेनामी प्रॉपर्टीज ट्रांजैक्शंस एक्ट के तहत बेनामी संपत्ति रखने वाले लोगों को सात साल तक की कैद हो सकती है. इसके साथ ही संपत्ति भी जब्त की जायेगी. फिलहाल, सरकार यह विचार कर रही है कि वह कैसे रियल स्टेट सेक्टर के रिकार्ड की पड़ताल करे