पटना : बिहार विधानमंडल और सचिवालय के नये भवनों का शनिवार की शाम विधिवत उद्घाटन हुआ. इन भवनों का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के विधायकों के लिए आवास योजना की घोषणा की है. महागंठबंधन सरकार के एक वर्ष पूरे होने के एक दिन पहले, शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार विधानसभा के सदस्यों को अब उनकी विधानसभा क्षेत्र संख्या के आधार पर सरकारी आवास मिलेगा. विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र संख्या एक के विधायक को आवास संख्या एक आवंटित होगा. यही क्रम अंतिम क्षेत्र क और वहां से निर्वाचित विधायक को भी आवंटित होगा.मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान विधायक 2019 में अपने नये आवास में रहने लगेंंगे. विधानसभा के नये भवन के उदघाटन के मौके पर सीएम ने कहा कि विधायकों को डुप्लेक्स भवन में पर्याप्त जगह होगी , जिसमें परिवार के साथ साथ क्षेत्र से आने वाले लोग भी ठहर सकेंगे. नये आवास बनने पर विधायकों को खाली कराने की नौबत नहीं आये इसके भी प्रावधान किये जायेंगे. जो विधायक चुनाव हार जायेंगे उन्हें तत्काल दूसरे ही दिन आवास खाली करना होगा. मंत्री बनने वाले विधायकों को मंत्री के नाम आवंटित बंगला दिया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों को राजधानी में कोई किराये का मकान नहीं देता, जबकि यह तय है कि राजनीतिक आदमी किसी का मकान कब्जा नहीं करता, ऐसा हमने अब तक नहीं सुना. उन्होंने कहा कि विधानमंडल और सचिवालय के विस्तारीकरन योजना की चर्चा करते हुए कहा कि इस दौरान कई बाधाएं आयी जिन्हें दूर कर अब बन कर तैयार हुआ है. इस भवन का सदुपयोग होना चाहिए. उन्होंने कहा कि 25 नवंबर से शीतकालीन सत्र आरंभ हो रहा है, विधानसभा अध्यक्ष और मंत्रीगण इसमें बैठना शुरू करेंगे तो विधायक भी उनका साथ देंगे. उदघाटन के बाद मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति, उप मुख्यमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री के साथ अपने नये चैंबर में बैठ कर विचार विमर्श किया.तल्ले का भवन, कन्वेनशन सेंटर व हर तल्ले पर कांफ्रेंस हाल. ऑडिटोरियम में 550 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. 300 लोगों की क्षमता वाला कांफ्रेंस हॉल. 200 लोगों के लायक मीडिया हॉल है. 500 से अधिक लोगों के बैठने की क्षमतावाला सेंट्रल हाॅल. यहां विधान सभा व विधान परिषद के संयुक्त सत्र चल सकेंगे. कुल तीन ब्लाक में बंटा हुआ. सचिवालय भवन में कार्यालयों के लिए अतिरिक्त जगह है. इसे बनाने में 400 करोड़ की लागत आई है. ग्राउंड फ्लोर में मुख्यमंत्री का कार्यालय, पुस्तकालय, कमेटी कक्ष और कैफेटेरिया है साथ ही परिसर में कई छोटे-छोटे भव्य जलाशय, फव्वारे भी है. सभी ओर एम्पीथियेटर लगाए गए हैं. प्रवेश व मुख्य स्थान पर बड़े आकार के एलइडी स्क्रीन भी लगी है.