नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश भर में 62 नए नवोदय विद्यालय खोलने का ऐलान किया है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने नवोदय विद्यालयों के नेशनल इंटिग्रेशन मीटिंग के बाद ऐलान किया। देश के हर राज्य को हिस्सा मिला है, सिर्फ तमिलनाडु इस बार पीछे रह गया। इसकी वजह ये रही कि राज्य सरकार से कोई प्रस्ताव ही नहीं आया। देश भर में अब तक 600 से ज्यादा नवोदय विद्यालय खुल चुके हैं। इनमें 22 फीसदी शहरी क्षेत्रों में और 78 फीसदी स्कूल ग्रामीण इलाकों में हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्री जावडेकर ने कहा कि इस साल नवोदय विद्यालयों में छठी कक्षा में दाखिले के लिए देश भर की 40000 सीटों थीं। और इन सीटों के लिए 22 लाख से ज्यादा बच्चों के आवेदन आए। ये उत्साह साबित करता है कि देश का गरीब तबका भी अच्छी शिक्षा के लिए तत्पर है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्र की संख्या ज्यादा रही है। हर स्कूल में आवंटित 15 फीसदी सीटों से कहीं ज्यादा बढ़कर 25 फीसदी अनुसूचित जाति के सांसदों को दाखिला मिला तो अनुसूचित जनजाति के छात्रों के दाखिले आवंटित 7 फीसदी से खासे आगे बढ़ कर 19 फीसदी हो हो गए हैं।
जावडेकर मानते हैं कि इतनी बडी संख्या में इन गरीब छात्रों के दाखिले ये जताते हैं कि इनका पूरे सरकारी तंत्र पर भरोसा भी लगातार बढ़ रहा है। पर जावडेकर की असली चिंता लडकियों के दाखिले को लेकर है। नवोदय विद्यालयों में 33 फीसदी आरक्षण लड़कियों के लिए है। दाखिलों में पिछले साल ये औसत 39 फीसदी पहुंच गयी थी। लेकिन सरकार को लगता है कि पूरी तरह से बोर्डिंग स्कूल होने यानि हॉस्टल वाले स्कूल होने के कारण कई अभिभावक अपनी बेटियों को नवोदय विद्यालयों में नहीं भेजना चाहते। जावडेकर ने कहा कि इसके लिए पूरा माइंड सेट बदलने की जरुरत है जिसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है।