पटना : मुझे देखिए, मेरा अपहरण करके रेप किया गया है. वह गुहार लगाती रही और कहती रही. लेकिन किसी से सुना नहीं. जी हां, यह मामला है बिहार के बांका की रहने वाली एक नाबालिग रेप पीड़िता का. पीड़िता पिछले 45 दिनों से गर्दनीबाग के धरना स्थल पर बैठकर अपनी फरियाद कर रही है. उसकी फरियाद मात्र धरना स्थल के आस-पास के इलाके में गूंज कर रह गयी. बात जब कुछ संगठनों तक पहुंची तो मामला डीजीपी तक पहुंचा और बुधवार को बांका पुलिस पटना में आयी और धरना स्थल पर जाकर पीड़िता का बयान दर्ज किया गया.
लगातार अनशन पर बैठने की वजह से पीड़ित नाबालिग की हालत खराब हो गयी थी. उसके शरीर पर कई चोट के निशान हैं, जो उसके साथ हुई दरिंदगी की कहानी बयां कर रहे थे. चोट अब घाव बनकर बड़े हो गये थे. पीड़िता की स्थिति नाजुक थी. उसे इलाज और न्याय दोनों की जरूरत थी. लेकिन प्रशासनिक और पुलिस की लापरवाही ऐसी कि ना तो अभी तक उसकी आवाज सुनी गयी थी और ना ही रेप करने वालों की गिरफ्तारी हुई . जानकारी के मुताबिक अब पटना के कुछ छात्र संगठन अब पीड़िता के मसले को लेकर आंदोलन करने वाले हैं.
14 साल की नाबालिग युवती के साथ बांका में 45 दिन पहले दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था. आरोपित काफी शक्तिशाली हैं. उनके डर से पीड़िता का परिवार पटना चला आया और यहां न्याय के लिये धरने पर बैठा. न्याय नहीं मिलने से निराश होकर पीड़िता धरना स्थल पर जोर-जोर से चिल्ला कर न्याय की गुहार लगा रही थी. उसके बाद उसपर ऐपवा पटना की सचिव अनिता सिन्हा की नजर पड़ी. बाद में डीजीपी के आदेश पर दोबारा एफआइआर दर्ज हुआ है. ऐपवा ने पीड़िता के परिवार की सुरक्षा की मांग की है.
डीजीपी के आदेश पर बांका पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने के बाद रेप पीड़िता अपनी बहन के पास बेगूसराय लौट गयी है. वहीं पीड़िता द्वारा न्याय के लिये 45 दिनों तक धरना देने की बात राजधानी में चर्चा का विषय बन गयी है. वहीं कई संगठन बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं.