बक्सर : दुनिया भर में फांसी पर लटकाने के लिए मनीला रस्सी बनाने के लिए प्रसिद्ध बिहार के बक्सर स्थित सेंट्रल जेल से शुक्रवार की देर रात पांच दुर्दांत अपराधी धोती की मदद से फरार हो गये. फरार कैदियों में से चार उम्रकैद ही सजा काट रहे थे, जबकि एक कैदी को 10 साल की सजा दी गयी थी. इन पांच कैदियों के जेल की दीवार फांदकर फरार होने की घटना के बाद से बिहार की अन्य जेलों की सुरक्षा पर एक सवालिया निशान लग गया है. हालांकि, इन पांच कैदियों के फरार होने के बाद प्रशान ने जेल के तीन अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर दिया है.
मौके से मिली छड़, धोती और पाइप बरामद
जिलाधिकारी रमन कुमार ने शनिवार को बताया कि बताया कि कैदियों के जेल से फरार होने की घटना रात 12 बजे से तीन बजे के बीच हुई. जहां से दीवार फांदकर कैदी फरार हुए हैं, वहां से लोहे की छड़, पाइप और धोती मिली है. जिलाधिकारी रमन कुमार ने कहा कि घटना की जांच करने के बाद लापरवाह जेल अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी.
चार कैदी काट रहे थे उम्रकैद की सजा
वहीं, पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा ने कहा कि फरार कैदियों में चार मोतिहारी का प्रजीत सिंह, छपरा का गिरिधर राय, आरा का सोनू पांडे और उपेंद्र साह शामिल है. उन्होंने बताया कि ये चारों कैदी उम्रकैद की सजा काट रहे थे, जबकि फरार पांचवां कैदी बक्सर के ब्रह्मपुर निवासी सोनू सिंह 10 साल की कैद की सजा काट रहा था.
दो सदस्यीय टीम भेजी गयी बक्सर
जेल महानिरीक्षक आनंद किशोर ने पटना में बताया कि बक्सर जेल के तीन अधिकारी इस घटना के सिलसिले में निलंबित किये गये हैं. निलंबित अधिकारियों में मुख्य वार्डन कामेश्वर पासवान, वार्डन उपेंद्र दास और राज कुमार राम हैं. उन्होंने बताया कि जेल विभाग की दो सदस्यीय टीम इस घटना की जांच के लिए मौके पर भेजी गयी है. टीम में जेल उपमहानिरीक्षक शिवेंद्र प्रियदर्शी, और निदेशक (जेल प्रशासन) राजीव वर्मा हैं. इस दल की रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाये जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
पांचों कैदी हैं खतरनाक
जानकारी के मुताबिक बाकी चार कैदी भी काफी खतरनाक और दुर्दांत हैं. वे सभी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. जिनमें छपरा निवासी देवधारी राय, बक्सर का सोनू सिंह और आरा निवासी सोनू पांडे और उपेंद्र शाह शामिल है. जेल प्रशासन की मानें तो पांचों कैदी खतरनाक हैं. उनका बाहर रहना प्रशासन के लिये बहुत बड़ा खतरा है.
इलाज के लिए रखा गया था चिकित्सा वार्ड में
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन पांचों कैदियों को उपचार के लिये जेल के चिकित्सा वार्ड में रखा गया था. शुक्रवार की रात यह शौचालय की खिड़की को तोड़कर भागने में कामयाब हो गये. कैदियों ने खिड़की तोड़ने के लिए लोहे के रड का इस्तेमाल किया. साथ ही दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले कपड़ों को एक दूसरे से जोड़कर जेल की चाहरदिवारी फांद कर भाग गये हैं. पुलिस सभी कैदियों की तलाश में छापेमारी कर रही है.
जेल प्रशासन को पहले से थी आशंका
गौरतलब है कि जेल प्रशासन को कैदियों के भागने से ठीक 24 घंटे पहले कुछ आपत्तिजनक इनपुट मिले थे. जिसके बाद जिलाधिकारी रमण कुमार के आदेश पर बक्सर सेंट्रल जेल में पुलिस ने गुरुवार को जेल में छापेमारी की. अचानक हुई छापेमारी से जेल प्रशासन और बंदियों में हड़कंप मच गया था. सदर एसडीओ गौतम कुमार के नेतृत्व में छापेमारी की गयी थी. तीन घंटे तक चली इस छापेमारी में एक-एक कर सभी वार्डों को खंगाला गया था. इस दौरान पुलिस को कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी थी. हालांकि कई आपत्ति जनक सामान बरामद हुए थे. छापेमारी टीम में आधा दर्जन थानों की पुलिस लगायी गयी थी. जेल सूत्रों की मानें, तो हाल के दिनों में देश के कई जगहों से जेल से कई बंदी सुरक्षा में सेंध लगाकर फरार हो गये थे.
जेल में कुख्यात कैदी और नक्सली हैं बंद
ज्ञात हो कि जेल में कई कुख्यात कैदियों के अलावा नक्सली भी बंद हैं. बक्सर जेल सुरक्षा के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है. गुरुवार को जेल अधीक्षक और जेल के कई अधिकारियों के नेतृत्व में सभी कैदियों के वार्डों के अलावा उनके निजी सामान की भी तलाशी ली गयी थी. बक्सर सेंट्रल जेल में कई कुख्यात बंदी बंद हैं. इस संबंध में एसडीओ गौतम कुमार ने बताया कि डीएम के निर्देश पर छापेमारी की गयी थी. सभी वार्डों को एक-एक कर खंगाला गया था. साथ ही कुख्यात बंदियों की तलाशी ली गयी, लेकिन किसी के पास कुछ नहीं मिला.