नयी दिल्ली : अगर रेलवे की मिशन रफ्तार की योजना सफल हो जाती है, तो आप दिल्ली से कोलकाता या दिल्ली से मुंबई की यात्रा महज 12 घंटे में ही तय कर पाने में कामयाब होंगे. इस योजना को मूर्तरूप देने के लिए देश की राजधानी दिल्ली में रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की एक बैठक बुलायी गयी थी, जिसमें एक ही रात के दौरान दिल्ली से इन दोनों महानगरों के सफर को पूरा करने की योजना पर भी चर्चा की गयी. सूत्रों का कहना है कि रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की इस बैठक में दिल्ली से कोलकाता और दिल्ली से मुंबई के बीच रेल लाइन को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों को संचालित करने के लायक दुरुस्त करने के पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी है.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल की अगुआई में देश में रेल यात्रा में तेजी लाने के लिए और रेल यात्रा का समय कम करने के लिए भारतीय रेलवे ने हाई स्पीड ट्रेन परियोजना को लेकर तमाम चीजों पर विचार-विमर्श किया. बैठक में यह भी तय किया गया कि दिल्ली से कोलकाता के हावड़ा तक रेल मार्ग को 107 किलोमीटर की रफ्तार के लिए दुरुस्त करने के काम को एकसूत्रीय तरीके से पूरा किया जायेगा.
बताया यह भी जा रहा है कि इस पूरी परियोजना जोन या डिवीजन के स्तर पर पूरा न करके मिशन रफ्तार परियोजना के तहत पूरा किया जायेगा. इस काम में सिविल इलेक्ट्रिकल सिग्नल और टेलीकॉम के सभी लोगों को मिलाकर एक अलग से प्राथमिक यूनिट बनायी जायेगी. इसी तरह दिल्ली से मुंबई के बीच रेल मार्ग को 107 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए दुरुस्त करने के लिए हर तरीके का काम एक प्राथमिक इकाई के तहत काम किया जायेगा.
गौरतलब है कि फरवरी की शुरुआत में ही वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से पेश सालाना आम बजट में नयी दिल्ली और हावड़ा रेल सेक्शन को सेमी हाईस्पीड के लिए तैयार करने के लिए 6,974 करोड़ रुपये की राशि का प्रस्ताव किया गया है. इसी तरह नयी दिल्ली और मुंबई रेल सेक्शन को सेमी हाईस्पीड बनाने के लिए 11,189 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गयी है.
रेलवे बोर्ड की बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि इन दोनों रेलवे मार्गों को 160 से लेकर 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए तैयार किया जाये. ऐसा करने के लिए इन रेलमार्गों पर तमाम पुराने पुलों को दुरुस्त किया जायेगा और इसी के साथ जहां-जहां पर फेंसिंग की जरूरत होगी वहां पर फेंसिंग की जायेगी.
रेलवे बोर्ड की बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि अगले 3 सालों में मालगाड़ियों की औसत गति को दोगुना किया जाना और अगले पांच साल में मेल और एक्सप्रेस गाड़ियों की औसत गति को 25 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ाए जाने का लक्ष्य है. इसके लिए दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई के रेल मार्ग की सिग्नलिंग को अत्याधुनिक किया जाना बहुत ही जरूरी है.
इसके अलावा, इन दोनों रेलवे मार्गों पर घुमाव और मोड़ों को सेमी-हाईस्पीड के लिए मुफीद बनाये जाने की भी जरूरत है. रेलवे बोर्ड ने इन दोनों रेलमार्गों के लिए कार्यान्वन योजना तैयार कर ली है और जल्द ही इस का डीपीआर बना लिया जायेगा. बोर्ड की बैठक में इस बात पर जोर दिया गया यह सारा काम 2019 की शुरुआत में पूरा कर लिया जाना है.