पटना : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जदयू अपनी ओर से कोई प्रत्याशी नहीं उतारेगा. न ही किसी दल या प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने जायेगा. इसका एलान बुधवार को जदयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने किया. जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि पार्टी यूपी चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी. पार्टी ने सांप्रदायिक शक्तियों को पराजित करने के लिए और धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करने के लिए यह फैसला लिया है, ताकि सेकुलर वोटों का बिखराव न हो.
जदयू चाहता था कि बिहार के तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी महागंठबंधन बनाया जाये और भाजपा के खिलाफ एकजुट हुआ जाये, लेकिन अफसोस, आश्चर्य और पीड़ा है कि कांग्रेस व समाजवादी पार्टी ऐसा महागंठबंधन बनाने में असफल रही. अगर जदयू और आरएसडी भी साथ रहती तो इस महागंठबंधन को 300 से भी ज्यादा सीटें आतीं. केसी त्यागी ने कहा कि जदयू ने उत्तर प्रदेश के पांच प्रमंडलों में मेहनत की थी. हमें अफसोस है कि वहां के नेताओं के लिए काम नहीं कर पा रहे हैं. पार्टी नेताओं से बातचीत की गयी है और उन्हें समझाया गया है.
अब पटना-दिल्ली में बैठे लोग इश्वर से दुआ करेंगे कि भाजपा हारे और गैर भाजपा सेकुलर ताकतों की जीत हो. बिहार की पुनरावृत्ति यूपी चुनाव में भी हो. त्यागी ने कहा कि बिहार चुनाव के समय आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण खत्म करने की बात कही थी. उसी तरह यूपी चुनाव में जनता को डराने का काम हो रहा है. चुनाव के समय पर ही ऐसे सवाल क्यों उठते हैं. बिहार की तरह यूपी की जनता भी वोट से उन्हें जवाब दे. त्यागी ने यूपी भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के बयान कि भाजपा की सरकार बनी तो राम मंदिर बनायेंगे पर आपत्ति जाहिर की. ऐसा बयान देकर उन्होंने चुनाव आयोग की खिल्ली उड़ायी है. जबकि, मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. ऐसा बयान सुप्रीम कोर्ट व संविधान के खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि राम मंदिर चुनाव का मंदिर बन गया है. इस मामले पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए. जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के वोट व बेटी वाले बयान पर त्यागी ने कहा कि बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है. बावजूद इसके अगर इससे किसी को ठेस पहुंचती है तो पार्टी
इसके लिए माफी मांगती है. केसी त्यागी ने समान नागरिक संहिता पर पार्टी का रूख भी बताया. उन्होंने कहा कि इसके लिए पहले विभिन्न धार्मिक संगठनों से, पार्टियों से बातचीत होनी चाहिए और फिर प्रस्ताव तैयार कर राज्यों की राय लेनी चाहिए.
इसके लिए उन्होंने दूसरे राजनीतिक दलों और गैर भाजपा राज्यों वाली सरकारों से बिहार की तरह इसे नकारने की अपील की. प्रेस कांफ्रेंस में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सह सांसद आरसीपी सिंह, श्याम रजक, संजय झा, अखिलेश कटियार, रवींद्र सिंह आदि मौजूद थे.
चंदे के एक रुपये का भी हिसाब दें पार्टियां : केसी त्यागी ने कहा कि एडीआर की रिपोर्ट है कि भाजपा को 750 करोड़ और कांग्रेस 675 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले. इसमें से 70 फीसदी राशि किसने दिया, इसका जिक्र नहीं है. ये काला धन है. चंदे के एक रुपये का हिसाब भी पार्टियों को देनी चाहिए.
नोटबंदी से हुए फायदे बतायें प्रधानमंत्री : राजीव रंजन सिंह
जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि केंद्र की नोटबंदी का समर्थन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. पार्टी उनके साथ है. अब जब 78 दिन बीत गये हैं तो प्रधानमंत्री को इसके क्या-क्या फायदे हुए बताने चाहिए. केंद्र सरकार को नोटबंदी के बाद बेनामी संपत्ति, हीरा, सोना, शेयर पर भी चोट करनी चाहिए.
यूपी में जदयू की कोई पहचान नहीं : नित्यानंद
पटना. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में जदयू और नीतीश कुमार की कोई राजनीतिक पहचान नहीं है. भाजपा की मजबूती को देख जदयू यूपी के चुनाव मैदान से भाग खड़ी हुई. राय बुधवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
मिलन समारोह में राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पटना जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व महासचिव अशोक कुमार यादव के नेतृत्व में सवा सौ से अधिक अधिवक्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. राय ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करने के नाम पर नीतीश कुमार मतदाताओं को भ्रम में डाल रहे हैं. वोट की खातिर धर्म निरपेक्ष शब्द का प्रयोग अच्छा नहीं है.