कैमूर : बिहार पुलिस के भी अजीबो-गरीब कारनामे हैं. पुलिस कभी झूठे केस में फंसाने के लिए तिकड़म करती है, तो कभी अपराधी को बचाने के लिए मुर्दे को गवाह बना देती है और फिर गवाही देने के बाद वह आदमी दोबारा मुर्दा बना दिया जाता है. ऐसा ही एक वाकिया बिहार के कैमूर जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र का प्रकाश में आया है. मामला इस साल दशहरे के दिन का है. कैमूर के भगवानपुर थाना क्षेत्र गांव के परमालपुर गांव में दशहरा पूजा के दौरान घर लौट रही एक युवती से गांव के ही तीन युवकों ने गैंगरेप किया था.
मिली जानकारी के अनुसार, भगवानपुर थाना के परमालपुर गांव में दशहरा पूजा देख घर लौट रही युवती से गांव के ही तीन युवकों द्वारा गैंग रेप की घटना के दौरान उसके चिल्लाने पर जुटे गांव के ही लोगों ने उसकी जान बचायी. घटना के बाद से तीनों युवक फरार हो गये. पीड़िता ने अपराध में शामिल तीनों युवकों पर भभुआ महिला थाने में मामला दर्ज कराया था, जिसमें एक युवक को गिरफ्तार भी कर लिया गया था.
महिला थाने में मामला दर्ज कराने के बाद से पीड़िता को केस उठाने के लिए भी लगातार धमकी मिल रही थी. 10 अक्टूबर 2016 को हुई इस घटना में पीड़ित पक्ष की ओर से दो गवाह बनाये गये थे. इसमें एक गवाह गांव के ही स्वर्गीय रामनाथ सिंह के बेटे शिव बचन सिंह को बनाया गया था. शिव बचन सिंह की भी मौत 6 अगस्त, 2011 को ही हो चुकी है. शिव बचने की मौत के पांच साल बाद पुलिस ने इस मामले में उसे गवाह बना दिया.
रेप की शिकार पीड़िता का आरोप है कि इस मामले में जिस व्यक्ति से गवाही लेनी थी, पुलिस ने उससे गवाही नहीं ली. उसने पांच साल पहले मर चुके आदमी को ही इस केस में गवाह बना दिया. परिजनों का आरोप है कि पुलिस पैसा लेकर केस को कमजोर करना चाहती है.
इस मामले पर कैमूर जिले की पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर का कहना है कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है. पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे. इसके साथ ही, उन्होंने मामले को कमजोर करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने का भी भरोसा दिया है.