कानपुर/लखनऊ : पटना आ रही इंदौर-पटना एक्सप्रेस (19321) के 14 कोच रविवार की अहले सुबह करीब 3:10 बजे कानपुर के पास बेपटरी होने से दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. कानपुर देहात जिले के पुखरायां में हुए इस हादसे में मरने वालों की संख्या 130 पहुंच गई है जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गये. घायलों में से आधे से ज्यादा की हालत गंभीर बतायी जा रही है. सभी को कानपुर के विभिन्न अस्पतालों में भरती कराया गया है. इस ट्रेन में 258 यात्रियों का पटना तक रिजर्वेशन था.
घायलों के देखने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु खुद अस्पताल पहुंचे. सेना, एनडीआरएफ व राज्य पुलिस की मदद से रेलवे कर्मचारी खोज और बचाव अभियान चला रहे हैं. हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है. कुछ और यात्रियों के मलबे में दबे होने की आशंका है. माना जा रहा है कि रेल फ्रैक्चर के कारण यह हादसा हुआ है. रेलवे सुरक्षा आयुक्त दुर्घटना के कारणों की जांच कर रहे हैं. ट्रेन के प्रभावित यात्रियों को बस व स्पेशल ट्रेन से उनके गंतव्य तक भेजा जा रहा है. राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने दुर्घटना पर दुख जताया है.फिलहाल प्रधानमंत्री राहत कोष, रेलवे, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश सरकारों ने मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे की अलग-अलग घोषणा की है. यात्रियों ने बताया कि ट्रेन तेज झटके के साथ अचानक रुकी और एक ही झटके में स्लीपर श्रेणी के चार कोच एस-1, एस-2, एस-3 और एस-4 मलबे में तब्दील हो गये. हादसा इतना भयावह था कि एस-1 और एस-2 बोगी एक-दूसरे में घुस गये. इन्हीं दोनों डिब्बों के सबसे ज्यादा यात्री हताहत हुए हैं. इन कोचों में से सैकड़ों की संख्या में लोग थे. कई वेटिंग टिकट वाले यात्री भी थे. एसी-3 का एक कोच भी क्षतिग्रस्त हुआ है, लेकिन यहां हताहतों की संख्या अपेक्षाकृत कम है. कानपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक जकी अहमद ने कहा कि अधिकांश शवों को कानपुर देहात के मति अस्पताल के मुर्दा घर में रखवाया गया है. 150 अन्य यात्रियों को भी चोटें आयी हैं, जिन्हें आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है.