नयी दिल्ली : एयरसेल-मैक्सिस भ्रष्टाचार मामले से पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन व अन्य को बरी कर दिया गया है. केंद्र में दूरसंचार मंत्री रहे दयानिधि पर आरोप था कि उन्होंने मलेशिया की कंपनी मेक्सिस को एयरसेल के अधिग्रहण में मदद की थी. दिल्ली की अदालत ने गुरुवार को कहा कि कथित भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पर मुकदमा नहीं चलाया जायेगा.
एक विशेष अदालत ने आज यहां पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और अन्य को सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज एयरसेल-मैक्सिस समझौता मामलों में आरोपमुक्त कर दिया. हालांकि आज के आदेश का दो आरोपियों मलेशियाई नागरिकों राल्फ मार्शल और टी आनंद कृष्णन पर कोई असर नहीं होगा क्याेंकि अदालत ने उनके खिलाफ सुनवाई को मारन बंधुओं तथा अन्य के खिलाफ चल रही सुनवाई से अलग कर दिया था.
यह आदेश विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने पारित किया जो टूजी स्पैक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले और इसकी जांच को लेकर सामने आए मामलों की विशेष रूप से सुनवाई कर रहे हैं. सीबीआइ ने मारन बंधुओं, राल्फ मार्शल, टी आनंद कृष्णन, मैसर्स सन डायरेक्ट लिमिटेड, मैसर्स एस्ट्रो आल एशिया नेटवर्क, यूके, मैसर्स मैक्सिस कम्युनिकेशंस बरहाद, मलेशिया, मैसर्स साउथ एशिया एंटरटेनमेंट होल्डिंग्स लिमिटेड, मलेशिया और तत्कालीन अतिरिक्त सचिव (दूरसंचार) जेएस शर्मा (जिनकी मामले की जांच के दौरान मौत हो गयी) के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था.
आरोपपत्र में उनके खिलाफ भादंसं की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत आरोप लगाया गया था. धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मारन बंधुओं, कलानिधि की पत्नी कावेरी, साउथ एशिया एफएम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के शानमुगम, एसएएफएल और सन डायरेक्ट टीवी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत आरोपपत्र दायर किया था.
मारन बंधुओं के अलावा अदालत ने दो कंपनियों को मैसर्स सन डायरेक्ट टीवी लिमिटेड और मैसर्स साउथ एशिया एंटरटेनमेंट होल्डिंग्स लिमिटेड को भी आरोपमुक्त किया