पटना : बिहार में निगरानी विभाग की विशेष अदालत ने शुक्रवार को ग्रामीण कार्य विभाग के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता श्रीकांत प्रसाद की तमाम संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी कर दिया है. उनके खिलाफ 42 लाख 87 हजार 701 रुपये की अवैध संपत्ति वसूलने का आदेश पारित कर दिया है. तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जब औरंगाबाद में पदस्थापित थे, तब निगरानी ब्यूरो ने उन्हें एक लाख 30 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ 4 जून 2006 को गिरफ्तार किया था.
बताया जाता है कि गिरफ्तारी के बाद अभियंता श्रीकांति प्रसाद के घर की तलाशी के दौरान चल एवं अचल संपत्ति के दस्तावेज पाये गये थे. इसके बाद उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गयी. जांच के क्रम में यह बात साबित हो गयी कि उन्होंने अपनी आय से 42 लाख 87 हजार रुपये अधिक की संपत्ति अर्जित की है.
अक्टूबर 2009 में उनके खिलाफ न्यायालय निगरानी ब्यूरो ने आरोप पत्र दाखिल किया गया. अवैध संपत्ति की फेहरिस्त में पटना के गर्दनीबाग के पास सरिस्ताबाद में एक और चितकोहरा में तीन कट्ठा जमीन के अलावा किसान विकास पत्र, राष्ट्रीय बचत पत्र समेत विभिन्न बैंकों में जमा राशि के अलावा एक हुंडई कार शामिल हैं. इसी क्रम में न्यायालय ने उनकी तमाम संपत्ति जब्त करने से संबंधित आदेश पारित कर दिया है.