भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने कहा है कि शनिवार से सभी बैंक सिर्फ अपने ग्राहकों को सेवाएं देंगे और दूसरे बैंकों के ग्राहक पुराने 500 और 1,000 के नोट को नहीं बदलवा सकेंगे. हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों को किसी भी बैंक से नोट बदलवाने की छूट होगी. आईबीए के चेयरमैन राजीव ऋषी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘इन सभी दिनों हमारे ग्राहकों को परेशानी झेलनी पड़ी क्योंकि हम उनका काम नहीं कर सके. ऐसे में कई शाखाओं में हमारे मौजूदा ग्राहकों का काम अटका हुआ है.
उन्होंने कहा कि आईबीए में हमने तय किया है कि कल शनिवार को सिर्फ विशिष्ट रूप से अपने ग्राहकों के लिए काम करेंगे. कल बाहर के ग्राहकों के नोट नहीं बदले जाएंगे.’ हालांकि, इस मामले में वरिष्ठ नागरिकों को छूट दी गयी है. वे किसी भी बैंक शाखा में नोट बदलवा सकते हैं.ऋषी ने कहा कि आईबीए का यह निर्णय सिर्फ शनिवार के लिए है. सोमवार से सभी ग्राहकों को किसी भी बैंक शाखा से नोट बदलने की अनुमति होगी. उन्होंने बताया कि जबसे बैंकों ने ग्राहकों की उंगली पर निशान के लिए अमिट स्याही का इस्तेमाल शुरू किया है, कतारें घटने लगी हैं.सरकार के 500 और 1,000 रुपये के नोटों को एक झटके में बंद करने को लेकर हो रही आलोचनाओं को दरकिनार करते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि प्रचलन में जारी 86 प्रतिशत मुद्रा के स्थान पर नये नोट जारी करने का काम इससे बेहतर ढंग से नहीं हो सकता था. नोटबंदी की घोषणा के दस दिन बाद वित्त मंत्री ने आज कहा कि सरकार के इस कदम से बैंकों को व्यावसायियों, व्यापारियों, कृषि और ढांचागत परियोजनाओं के लिये सस्ती दरों पर कर्ज देने में मदद मिलेगी जबकि इसके साथ ही नकली नोटों की समानांतर व्यवस्था पर अंकुश लगाने का भी काम होगा.
जेटली ने कहा, ‘जहां तक इसके क्रियान्वयन की बात है, मुझे नहीं लगता कि जैसा अभी इसे किया गया है इससे बेहतर ढंग से इसे किया जा सकता था.’ उन्होंने कहा कि बिना किसी सामाजिक समस्या और आर्थिक गड़बड़ी के इतनी बडी मात्रा में मुद्रा को अर्थतंत्र से निकालना एक बड़ी उपलब्धि है.
उन्होंने कहा, ‘जब भी मुद्रा का बदला जाता है, शुरुआती असुविधा होती है, लेकिन देश में ऐसी कोई बड़ी घटना नहीं हुई और हर दिन बीतने के साथ यह धीरे-धीरे बड़ी आसानी से आगे बढ़ रही है. बैंकों के सामने लाइनें छोटी होती जा रही हैं.’ जेटली ने कहा, ‘अगले एक से दो सप्ताह में हमें सुनिश्चित करना होगा कि मुद्रा देश के ग्रामीण इलाकों तक पहुंचे जहां इसकी काफी जरुरत है. हाल के समय में यह दुनिया में संभवत: सबसे बड़ा मुद्रा बदलाव हुआ है.’