नयी दिल्ली : पाकिस्तान पोषित आतंकियों द्वारा मुंबई में किये गये सबसे खौफनाक आतंकी हमले के आज आठ साल पूरे हो गये. इस आतंकी हमले को 26/11 के नाम से जाना जाता है. एके 47, आरडीएक्स, आइइडी, ग्रेनेड से लैश आतंकवादी अजमल कसाब और उसके नौ दूसरे साथियों ने आज ही के दिन 2008 को रात में मुंबई में ताज होटल, ओबेराय होटल, वीटी रेलवे स्टेशन, लियोपार्ड कैफे, कामा हॉस्पिटल आदि जगहों पर हमले किये थे और 60 घंटे की कार्रवाई में 10 आतंकियों के एक छोटे ग्रुप ने 164 निर्दोष की जान ले ली व सैकड़ों को घायल कर दिया. उन आतंकियों ने दो-दो के पांच ग्रुप में बंट कर अलग-अलग जगहों पर हमले को अंजाम दिया और एक तरह से मुंबई को बंधक बना लिया. इस घटना ने भले हमें न भूलने वाले जख्म दिये, लेकिन एक राष्ट्र राज्य के रूप में आतंरिक सुरक्षा पर भारत की सोच व तरीके को पूरी तरह बदल दिया. इस आतंकी हमले ने भारत को उसी तरह बदल दिया, जिस तरह 9/11 के हमले ने अमेरिका को बदल दिया था. कुछ ही देर में आतंकियों ने मुंबई की पहचान माने जाने वाली जगहों पर लाशों की ढेर लगा दी. आतंकी पाकिस्तान के कराची शहर से एक नाव के जरिये मुंबई आये थे. आतंकवादी एके 47 सहित अत्याधुनिक हथियारों व उपकरणों से लैश थे. आतंकी अपने पाकिस्तानी आकाओं से नियंत्रित हो रहे थे. इस आतंकी घटना को भारतीय टीवी मीडिया ने लाइव कवर किया, जो विवाद व विमर्श एक अलग ही विषय है.
आतंकवादी कराची से गोला-बारूद से लदे नाव के साथ पहुंचे थे. सबने अपने-अपने शरीर पर अधिक से अधिक मात्रा में हथियार, गोला, बारूद व विस्फोटक लाद रखे थे. वे अत्याधुनिक उपकरणों के जरिये कराची के आतंकी आका से संपर्क में थे. वे कोलाबा के पास कफ परेड के मछली बाजार में उतरे और पांच ग्रुप में बंट गये. 26 नवंबर, 2008 की रात साढ़े नौ बजे दक्षिण मुंबई में गोलीबारी की खबरें आयी. जिसे आरंभिक कुछ मिनटों में अंडरवर्ल्ड का गैंगवार समझा गया, लेकिन कुछ ही मिनटों में स्पष्ट हो गया कि यह आतंकी हमला है. कुछ आतंकी एक जीप के जरिये ताज होटल की ओर बढ़े और रास्ते में लियोपार्ड कैफे में लाशें बिछा दी, जहां विदेशियों सहित बड़ी संख्या में लोग थे. उधर, ताज होटल से दो किमी दूर सीएसटी स्टेशन पर आतंकियों ने दस बजे के कुछ मिनट पूर्व आसपास गोलीबारी की, जिसमें 58 लोग मारे गये. यहां से आतंकी कामा हॉस्पिटल पहुंचे. यहां दस बजे के करीब वहां टैक्सी को बम से उड़ा दिया, जिसमें कई लोग हताहात हुए. यहीं पर आतंकियों से मुठभेड़ में मुंबई पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते के प्रमुख हेमंत करकरे व अशोक काम्टे एवं विजय सालसकर शहीद हो गये.रात सवा दस बजे आतंकियों ने मुंबई के ताज होटल को निशाना बना लिया और गुंबद में आग की लपटें उठने लगीं. इसके बाद आतंकियों ने ओबराय होटल को निशाना बनाया, जहां दो आतंकी मारे गये, लेकिन तब तक 32 लोगों की जान चली गयी थी. इसके बाद आतंकियों ने यहूदियों के प्रमुख केंद्र नरीमन हाउस को निशाना बनाया. यहां कार्रवाई के लिए बगल वाली बिल्डिंग में एनएसजी कमांडो हेलिकॉप्टर के जरिये उतारे गये. यहां सात लोग व दो आतंकियों की मौत हुई. मुंबई हमले में 164 लोगों की मौत हो गयी व 370 लोग घायल हो गये. इनमें आठ मरने वाले व 22 घायल विदेशी नागरिक थे. हमले में 15 पुलिस अफसर व कर्मी एवं दो एनएसजी कमांडो शहीद हुए. 10 में नौ आतंकी मारे गये, लेकिन एक आतंकी अजमल आमिर कसाब जिंदा पकड़ा गया, जिसे बाद में फांसी की सजा हुई. इस हमले का साजिशकर्ता लश्कर ए तैयबा का हाफिज सईद व जाकिर उर रहमान लखवी है.