बिहार अपडेट: फिल्मी पर्दे पर तो हर कोई हीरो बन जाता है, लेकिन जो असल जिंदगी में हीरो जैसा काम करे और उसे देखकर ओरों की जुबान से निकले वाह क्या बात है,.. इसी के साथ फिल्म बदल का डायलाग जो आज के शो में बिलकुल फिट बैठता है – खुद के लिए जिए तो क्या खाक जिए, औरों के लिए जिए तो वहीं सच्चा इंसान है। ऐसी ही एक मिसाल भोजपुरी के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव ने पेश की है, जी हाँ, खेसारी ने अपनी आगामी फिल्म नागदेव की रिलीज से ठीक पहले, छपरा एकमा थाना क्षेत्र के तिलकार गांव के दलित बस्ती के 45 घरों को गोद लिया है।
खेसारीलाल यादव दलितों के मसीहा बनकर उभरे हैं। दरअसल हुआ कुछ यूँ की दीवाली के पटाखों ने छपरा एकमा थाना क्षेत्र के तिलकार गांव के दलित बस्ती के 45 घरों को अपनी चपेट में लिया था, जिसके कारण इन सभी घरों के लोगों बेघर हो गए थे, जब खेसारी को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने तुरंत ही इन परिवारों को गोद लेने का फैसला किया और आज उन्होंने इन सभी घरों को गोद ले लिया है। ऐसा नहीं है कि खेसारी पहली बार ऐसा कोई काम कर रहे हैं इससे पहले भी खेसारी लोगों की मदद के लिए आगे आ चुके हैं।